MSU ने शुरू किया दरभंगा एम्स के शिलान्यास के लिए ईंट इकट्ठा करने का अभियान।
“घर-घर से ईंटा लाएंगे, दरभंगा एम्स बनाएंगे” सोशल मीडिया पर यह स्लोगन ट्रेंड हो रहा है।
विगत 1 अगस्त (रविवार) को मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) ने दरभंगा एम्स के शिलान्यास के लिए गांव गांव जाकर ईंट जमा करना शुरू किया है।
बिहार के लिए दूसरे एम्स की घोषना हुए 6 साल बीत गया, पार्टियों ने इसके नाम पर विधानसभा और लोकसभा चुनावों में वोट भी ले लिया लेकिन आजतक दरभंगा एम्स का शिलान्यास तक नहीं हुआ है। घोषणा के 6 साल बीत जाने के बावजूद आजतक एक ईंट तक नहीं गिरा।
नागपुर एम्स 2014 में घोषित हुआ था, मात्र 4 साल के अंदर 2018 में बनकर तैयार हो गया और अब सेवा में है। गोरखपुर एम्स 2014 में घोषित हुआ, 2016 में शिलान्यास किया गया प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा और मात्र 3 साल के अंदर 2019 में ओपीडी शुरू हो गया और अब सेवा में है।
2018 में तेलंगाना में एम्स घोषित हुआ, पार्शियली फंक्शनल है। 2017 में देवघर, राजकोट में एम्स घोषित हुआ, दोनों जगह क्लास स्टार्टेड है। 2015 में विजयपुर, विलासपुर, गुवाहाटी में घोषित हुआ, क्लासेज शुरू है।
वहीं दरभंगा एम्स आजतक इंतजार कर रहा है। सरकार, नेता और पार्टीयां बार बार घोषणाएं करती है लेकिन अबतक कोई अपडेट नहीं है। इसलिए MSU ने तय किया कि अब खुद जनता दरभंगा एम्स का शिलान्यास करेगी।
MSU ने अपने कार्यकर्ताओं से संवाद कर एक विस्तृत आंदोलन की रूपरेखा तैयार किया है। अगले 37 दिन तक MSU सेनानी टीम बनाकर गांव गांव जाएंगे, घर घर से दरभंगा एम्स के शिलान्यास के लिए ईंट जमा करेंगे। 5 सप्ताह के तैयारी के बाद 8 सितंबर को दरभंगा में 5000 लोगों के समक्ष एम्स के लिए प्रस्तावित जगह पर उन इंटों से शिलान्यास करेंगे।
इसके लिए संगठन ने विभिन्न स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है, संगठन के सेनानी ईंट जमा करने गांवों में जाने लगे हैं और वहां लोगों से दरभंगा एम्स के लिए ईंट जमा करने का अभियान शुरू हो चुका है।
