कवि सम्मेलन में देर रात बहती रही भाव सरिता
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राजनीति मे सब फर्जीवाड़ा छै, चिंता नै करू अच्छा दिन एबे करतै
- विराट मैथिली कवि सम्मेलन में गोते लगाते रहे श्रोता
- ‘हम अहां क गीत पर झूम सकै छी’ पर झूमते रहे श्रोता
- संत कुमार चौधरी ने विराट मैथिली कवि सम्मेलन में शामिल सभी कवियों के परिवार के बच्चों को अपने इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन कराने पर 50 प्रतिशत अध्ययन शुल्क माफ करने की कही बात।
दरभंगा। मिथिला विभूति पर्व स्वर्ण जयंती समारोह के दूसरे दिन आयोजित विराट मैथिली कवि सम्मेलन में देर रात तक श्रोता भाव सरिता में गोते लगाते रहे। कवयित्री रूपम झा ने ‘हम अहां क गीत पर झूमि सकै छी’ का सस्वर पाठ किया। इस पर श्रोता झूमते रहे। कवि दिनेश झा ‘डॉक्टर’ ने ‘चिंता नै करू अच्छा दिन एबे करतै’ कविता का पाठ किया। अयोध्यानाथ चौधरी ने ‘पूर्णिमा पूर्णिमा’ पर कविता का स्वर पाठ किया। कुशेश्वर कश्यप ने ‘कविता हमर शंखनाद करत’ पर कविता पाठ किया। रघुनाथ मुखिया ने ‘वाट्सएप यूनिवर्सिटी मे सब छै झूठ’ पर कविता पाठ किया। डा निक्की प्रियदर्शनी ने ‘हमरा बुझल यै अपन अधिकार हमर’ कविता पाठ किया। कवि संत कुमार चौधरी ने विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’ को समर्पित ‘मन त करै य देखते रह गै उनकर हंसी’ पर कविता पाठ किया। संत कुमार चौधरी ने विराट मैथिली कवि सम्मेलन में शामिल सभी कवियों के परिवार के बच्चों को अपने इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन कराने पर 50 प्रतिशत अध्ययन शुल्क माफ करने की बात कही। श्याम बिहारी राय ‘सरस’ ने ‘अवध लागे बदनाम संग’ कविता पाठ किया। विराट मैथिली कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता उदयचंद्र झा ‘विनोद’ ने किया और मंच संचालन वरिष्ठ कवि प्रो. अशोक कुमार मेहता ने किया।
काव्यार्पण के स्वर्ण स्मृति तर्पण अंक एवं बाल कविता संग्रह का किया गया विमोचन :
विद्यापति पर्व समारोह के दूसरे दिन प्रो. अशोक कुमार मेहता और युवा साहित्यकार प्रवीण कुमार झा के संपादन में प्राकशित काव्यार्पण के स्वर्ण स्मृति तर्पण अंक का विमोचन अतिथियों ने किया। काव्यार्पण के इस स्मृति तर्पण संग्रह में विगत 50 वर्षों में मिथिला क्षेत्र के दिवंगत प्रतिनिधि कवियों की एक जोड़ी कविताओं को संकलित किया गया है। इस दौरान बाल कविता संग्रह का भी विमोचन किया गया। साथ ही समाजसेवा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने वाले अमेरिका निवासी आलोक कुमार यादव और मैथिली साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए सहरसा निवासी मुख्तार आलम को मिथिला विभूति सम्मान प्रदान किया गया।
