आयुक्त ने की प्रमंडल में बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा।

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दरभंगा, 25 जून 2021 :- आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा श्री मनीष कुमार की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार से दरभंगा प्रमंडल के तीनों जिले में बाढ़ पूर्व तैयारी की वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से समीक्षा की गयी।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयुक्त महोदय ने कहा कि विगत वर्षों के इतिहास के आधार पर कहा जा सकता है कि दरभंगा एवं सहरसा प्रमण्डल में बाढ़ की संभावना अधिक रहती है।
     
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के स्तर पर दो बार बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा की जा चुकी है और दरभंगा प्रमण्डल के सभी जिलों की प्रस्तुति अच्छी रही है। सभी जिले ने बाढ़ से निबटने के लिए अच्छी तैयारी की है।
   
उन्होंने तीनों जिले को अपनी बाढ़ पूर्व तैयारी से अवगत कराने को कहा।
     
जिलाधिकारी दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम ने बताया कि दरभंगा जिला में वर्ष 2019 एवं 2020 में बाढ़ आई थी। वर्ष 2020 के बाढ़ में  जिले के 220 पंचायत प्रभावित हुए थे। वर्तमान में सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।
जिले में अभी उतनी बारिश नहीं हुई है। लगभग 50 मिलीमीटर बारिश हुई है। कमला, बागमती एवं अधवारा समूह नदी के जलसंग्रहण क्षेत्र में अभी ज्यादा वर्षा नहीं हुई है। सभी जगह वर्षा मापक यंत्र कार्यरत है जिले में 502 निजी नावों के मालिकों/नाविकों के साथ एकरारनामा किया गया है। जिले में 224 सरकारी नाव की संख्या है, लेकिन बाढ़ के दौरान अधिक नाव की जरूरत पड़ती है। एन.डी.आर.एफ एवं एस.डी.आर.एफ के बोट से इसकी कमी की भरपाई की जाती है। जिले में  26 हजार पॉलीथिन शीट उपलब्ध है। चुकी दरभंगा को प्रमंडल का नोडल जिला बनाया गया है इसलिए तीनों जिले के लिए 25-25 हजार पॉलिथीन सीट आपूर्ति हेतु आदेश निर्गत किया गया है, जिले में 100 लाइफ जैकेट उपलब्ध हैं।
   
दरभंगा जिले के तटबंधों का निरीक्षण किया गया है। जहाँ-जहाँ कमी पायी गयी, वहाँ संबंधित विभाग के अभियंताओं के माध्यम से काम कराया गया है।

हनुमाननगर, सिंहवाड़ा एवं कुशेश्वरस्थान में तटबंध की कमी से प्रत्येक वर्ष बाढ़ आ जाती है। बागमती नदी के तटबंध में पिछले वर्ष कई स्थानों पर ओवर-फ्लो हुए थे, जिस पर काम कराया गया है, हथौड़ी प्रमण्डल द्वारा अभी भी तटबंध पर निरोधात्मक कार्य किया जा रहा है। अधवारा समूह नदी के तटबंध पर भी काम चल रहा है।
      
विगत वर्षों में यह देखा गया कि बाढ़ के दौरान प्रायः लोग तटबंध के समीप ही शरण लेते हैं इसलिए इसी के अनुसार सामुदायिक किचन की तैयारी की गई है।
     
पशुचारा की दर भी निर्धारित कर लिया गया है तथा पशु शरण स्थली भी चिन्हित कर लिये गये हैं। ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कें हर साल बाढ़ के कारण खराब हो जाते हैं और उसे फिर मोटरेबुल बनाया जाता है।
     
उन्होंने कहा कि जिले में पी.एच.ई.डी के कार्यपालक अभियंता दरभंगा में पदस्थापित नहीं है, इसके कारण बाढ़ के समय चापाकल लगवाने एवं मरम्मति करवाने में परेशानी हो सकती है।
       
सदर अंचल एवं कुशेश्वरस्थान के लिए अंचलाधिकारी की पदस्थापना हो गई है।
     
उन्होंने कहा किअंचलाधिकारी केवटी द्वारा बताया गया है कि 350 रुपये प्रतिदिन की दर पर छोटी नाव देने को नाविक तैयार नहीं होते हैं। नाव की दर बढ़ाने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सभी नाव हाथ से चलने वाले हैं।    
       
आयुक्त महोदय ने कहा कि कुछ नाव को मशीन चालित बनाया जाए। साथ ही प्रभावित पंचायत के हिसाब से लाइफ जैकेट की संख्या कम है, इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने  सैम्पल के तौर पर कुछ लाइफ जैकेट की जाँच जैकेटधारी को 10 फिट पानी मे उतरवा कर करवा लेने के निर्देश दिए।
          
समस्तीपुर के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने बताया कि समस्तीपुर जिले में बागमती, करेह और गंगा नदी के क्षेत्र में बाढ़ आती है।
    
बागमती नदी से 04, करेह नदी से 04 एवं गंगा नदी से 25 पंचायत बाढ़ प्रभावित होते हैं। पिछले साल करेह नदी से 21 पंचायत प्रभावित हो गए थे। जिनमें सिंघया अंचल के 17 एवं बिथान अंचल के 04 पंचायत प्रभावित हुए थे। बागमती नदी से भी 17 पंचायत प्रभावित हुए थे। समस्तीपुर में 342 निजी नाव के मालिक/ नाविकों के साथ एकरारनामा किया गया है तथा 25 सरकारी नाव कार्यरत है, जो पर्याप्त हैं।
इसके अतिरिक्त एस.डी.आर.एफ की 02 टीम भी आती है, जिले में 18 हजार 706 पॉलिथीन सीट उपलब्ध हैं तथा दरभंगा से 25 हजार पॉलीथिन सीट की आपूर्ति की जा रही है।
   
बाढ़ शरण स्थली, सामुदायिक किचन के लिए जगह चिन्हित कर लिए गए हैं। 60 मेडिकल टीम की तैयारी कर ली गई है। 60 पशु राहत केंद्र चिन्हित किए गए हैं। जिले में मानव दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। कुत्ते व सांप काटने की दवा भी उपलब्ध है। कई ऊंची जगहों पर चापाकल भी लगवाया गया है।
बाढ़ के दौरान ग्रामीण कार्य विभाग के 138 सड़कें क्षतिग्रस्त हुए थे, इसकी सूचना विभाग को दिया गया है तथा सड़कों की मरम्मति कराई गई है, जिले में 123 लाइफ जैकेट उपलब्ध हैं। 06 मोटर बोट कार्यरत हैं। पंचायत स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सम्पूर्ति पोर्टल पर 01 लाख 23 हजार लाभुकों की नामों की प्रविष्टि कर ली गई है।
गंगा नदी में 16 मशीन चलित नाव कार्यरत हैं, बाकी नाव हाथ से चलती है।
आयुक्त महोदय ने कहा कि गंगा नदी वाले क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाए पिछले साल जितने नाव लगे थे, पुनः उतना नाव मंगवा लिया जाए।
मधुबनी के अपर समाहर्ता अवधेश राम ने बताया कि मधुबनी में 21 अंचल एवं 399 पंचायत हैं, इनमें से 18 अंचल 2019 में प्रभावित हुए थे। 2019 को ही आधार वर्ष मानते हुए बाढ़ पूर्व तैयारी की गई है।
जिले में 46 हजार 200 पॉलीथिन सीट उपलब्ध है। पशु चारा के लिए दर का निर्धारण किया जा चुका है। जिले में 100 लाइफ जैकेट हैं तथा 194 शरण स्थल को चिन्हित किया गया है।
220 स्थानों को समुदायिक किचन के लिए तथा 28 स्थलों को कोविड आश्रय स्थल के लिए चिन्हित किया गया है।
जिले में 198 सरकारी एवं 13 निजी नाव तथा 02 महाजाल उपलब्ध हैं तथा अक्षांश एवं देशांतर के साथ उपलब्ध संसाधन को गूगल पर अपलोड किया गया है।
मधुबनी एवं दरभंगा में 04-04 स्थलों पर सेटेलाइट फोन उपलब्ध है। समस्तीपुर के जिलाधिकारी को सेटेलाइट फोन की मांग कर लेने को कहा गया।
बैठक के अंत में आयुक्त महोदय ने कहा कि दरभंगा प्रमंडल के सभी जिलाधिकारी सक्षम हैं एवं बाढ़ आपदा से निपटने के लिए अच्छी तैयारी की है। बाढ़ पूर्व तैयारी को देखते हुए हम आशान्वित हैं कि बाढ़ से निपटने में दरभंगा प्रमण्डल सबसे आगे रहेगा।
    
बैठक में आयुक्त के सचिव श्री दुर्गा नन्द झा, क्षेत्रीय योजना पदाधिकारी संजीव कुमार एवं उप निदेशक जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता उपस्थित थे।

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