मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य के गठन को लेकर अभियान चलाने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ 49 वां मिथिला विभूति पर्व समारोह

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मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य के गठन को लेकर अभियान चलाने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ 49 वां मिथिला विभूति पर्व समारोह
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भाषा, लिपि, क्षेत्र, जनसंख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के मानक पर खरा उतरते हुए मिथिला पूर्ण राज्य बनने का अधिकार रखता है. मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए अलग स्वतंत्र राज्य का गठन जरूरी है. इसके लिए सक्रिय अभियान चलाया जाना समय की मांग है. इसी संकल्प के साथ विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में 17 से 19 नवंबर तक महाकवि कोकिल विद्यापति के निर्वाण दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय 49 वें मिथिला विभूति पर्व समारोह संपन्न हुआ. शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कार्यक्रम के दौरान साहित्य, संस्कृति एवं राजनीतिक मंच से जुड़े प्रतिभागियों ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया कि आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन होना जरूरी है और इसके लिए सक्रिय अभियान चलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जल्दी ही इसे लेकर क्रमिक अभियान की घोषणा की जाएगी.
मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के संयोजक सह मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पंडित कमलाकांत झा ने बिहार गौरव गीत में मिथिला को स्थान नहीं मिलने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मिथिला की गौरवशाली संस्कृति की पहचान को कायम रखने के लिए पृथक राज्य का गठन न सिर्फ प्रासंगिक है बल्कि यह सभी जरूरी मांगों को भी पूरा करता है. संस्थान के सचिव प्रो जीव कांत मिश्र ने कहा कि मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य के गठन की प्रासंगिकता अब जगजाहिर हो चुकी है और इसके गठन को अब कोई रोक नहीं सकता. मणिकांत झा ने कहा कि मिथिला के गौरवशाली संस्कृति की मर्यादा की सदा से अपनी अलग पहचान रही हैै. जिसे आम मिथिला वासी एवं प्रवासी मैथिल ने हमेशा साबित कर दिखाया है.
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपनी सक्रिय भागीदारी देने वाले लोगों के प्रति आभार प्रकट करते हुए मिथिला एवं मैथिली के साथ मातृलिपि मिथिलाक्षर के सर्वांगीण विकास के लिए अपने इस तेवर को आगे भी बरकरार रखने का आह्वान किया. आयोजन समिति के स्वागत अध्यक्ष प्रजेश कुमार झा ने इस आयोजन को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मिथिला की गौरवशाली परंपरा एवं संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए मीडिया ने जिस तरह का सहयोग दिया है या काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा कि 49 वें मिथिला विभूति पर्व समारोह की अभूतपूर्व सफलता ने अगले साल होने वाले इस आयोजन के स्वर्ण जयंती वर्ष के लिए ऊर्जा का संचार किया है. मौके पर शोभा यात्रा प्रभारी द्वय प्रो विजयकांत झा, विनोद कुमार झा, संगोष्ठी प्रभारी हरिश्चंद्र हरित, मिथिला पेंटिंग प्रतियोगिता के संयोजक आशीष चौधरी, मणिभूषण राजू, पुरुषोत्तम वत्स, चन्द्रशेखर झा बुढ़ा भाई आदि मौजूद थे.

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