खर्च लाखों में सपना यादों में,दिग्घी के किनारे खूब हुआ शिलान्यास का खेल

0

खर्च लाखों में, सपना यादों में

जमीन पर नौका , सपनों में विहार

दिग्घी के किनारे खूब हुआ शिलान्यास का खेल

दरभंगा के लोगों ने कभी नौका विहार का सपना देखा था, या उसे दिखाया गया था? जो भी हो, लेकिन हकीकत तो यही है कि यह सपना जमीन और पानी के बदले अब हवा में है। हां, भव्य शिलान्यास और उद्घाटन समारोह अवश्य ही ऐतिहासिक रहा। अब तो लोग भूलने भी लगे हैं, आखिर इसके अलावा कर भी क्या सकते हैं।

इस सदी के शुरू होते ही आम के आम गुठली के दाम की तर्ज पर मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराने का सपना शहरवासियों को दिखाया गया था। तालाबों के शहर दरभंगा में नौका विहार का आनंद दिलाने की योजना बनी फिर ना सिर्फ सपना दिखाया गया, बल्कि शिलान्यास व उद्घाटन के बहाने सियासी लोगों ने भी नौका विहार के लिए कवायद शुरू की। शहर के लोगों को सब्जबाग दिखाया सांसद , विधायक , महापौर व कई पार्षदों की मौजूदगी में शहर के मध्य में स्थित दिग्घी तालाब के किनारे नौका विहार के लिए स्थल का चयन किया गया बड़े ही तामझाम से इसका शिलान्यास व उद्घाटन भी हुआ। यहां तक कि नौका की खरीदारी भी हो गई और घाट भी बन गया उद्घाटन के मौके पर कुछ देर के लिए इसका आनंद भी लोगों ने लिया , लेकिन ना जाने किसी की नजर लगी और सपना ही पानी में डूब गया। नाव को जमीन पकड़ना परा और उम्मीदों की लहर को जलकुंभी में गुम हो जाना पड़ा।

15 वर्ष पहले हुआ था उद्घाटन::

24 मई 2005 को इसका उद्घाटन स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने किया था। उस वक्त तत्कालीन जिलाधिकारी प्रदीप कुमार , नगर विधायक संजय सरावगी , महापौर ओमप्रकाश खेड़िया , उपमहापौर प्रबोध कुमार सिन्हा समेत कई पार्षद मौजूद थे। वहां लगा शिलापट्ट आज भी साक्षी है। इसके बाद तत्कालीन सांसद मो. अली अशरफ फातमी ने भी दिलचस्प दिखाई। उन्होंने अपने ऐच्छिक कोष से नौका उपलब्ध कराई तो उम्मीदों को पंख लगे, लेकिन इस सपने को कोई खेवनहार नहीं मिला।

सपना दिखाकर खुद सो गया नगर निगम::

उद्घाटन के बाद शहर के लोग इस उम्मीद में रहे तो इसके नगर निगम पूरी तरह सो गया। कई लोगों ने इसके संचालन में दिलचस्पी दिखाई। निजी भागीदारी के संचालन के लिए आवेदन भी दिया गया, लेकिन नगर निगम न तो खुद संचालन किया और न ही निजी क्षेत्र को दिया। अब तो यह प्रस्ताव नगर निगम की संचिका में ही विहार कर रहा है। वर्ष 2006 में नगर निगम का राजनीतिक चेहरा बदल गया और नौका विहार का सपना वहीं का वहीं रह गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here