सड़क दुर्घटना में अनाथ हुए बालक की मदद के लिए बढ़े हाथ,समाजसेवी ने दी आर्थिक सहायता।
दरभंगा: जिले के मकरमपुर गांव में मानवीय संवाहक के रूप में सात वर्षीय बालक के सहयोग में सामाजिक संगठनों व समाजसेवियों के हाथ बढ़ने लगे हैं। गत बुधवार की सुबह फेडरेशन के जिलाध्यक्ष डॉ0 प्रभाकर झा एवं जिला महामंत्री राजीव झा ने पहुँच कर स्थिति की जानकारी ली और आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया। उनके निजी स्तर पर संपर्क करके प्रयास से कुछ लोगो के सहयोग से आर्थिक सहयोग की मुहिम शुरू की। इसके फलस्वरूप बुधवार की शाम जिला परिषद उपाध्यक्ष पति आलोक झा टिंकू के द्वारा तत्काल दस हजार की आर्थिक मदद ब्राह्मण फेडरेशन के माध्यम से दी गयी। गुरुवार की सुबह पुनः दोनों ने पहुँच कर उक्त राशि को परिजन के हवाले किया। साथ ही कुछ अन्य व्यक्तियों द्वारा खाते के माध्यम से सहयोग की पेशकश शुरू हुई।
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर चौधरी ने कहा कि बच्चे की हर सम्भव मदद की जाएगी। जल्द वे खुद भी जाएंगे और परिजनों से मिलकर अन्य आवश्यकताओं की भी जानकारी लेंगे और उसे भरसक पूरा करने का प्रयास करेंगे ताकि बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो सके। उन्होंने आह्वान किया है कि सभी सक्षम लोग निस्वार्थ भावना से बालक की मदद करें।
भाजपा नेता राजीव ठाकुर ने परिजनों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया। उन्होंने परिजनों को अपनी ओर से 21000 रुपये का आर्थिक सहयोग किया। श्री ठाकुर ने परिजनों को विपत्ति की घड़ी में हिम्मत और साहस से काम लेने की सलाह दी। उन्होंने मृतक के परिजनों से कहा कि किसी भी प्रकार की कोई अन्य परेशानी हो तो वे बेहिचक उनसे मदद ले सकते हैं। वे हमेशा क्षेत्र के लोगों की सेवा के लिए समर्पित हैं। मौके पर उनके साथ कई कार्यकर्ता भी शामिल थे।
दरभंगा के प्रथम सांसद दिवंगत स्व. नारायण दास के पौत्र अजय किशोर ने शुक्रवार को मकरमपुर गांव पहुंच कर मृतक दंपति के 7 वर्षीय पुत्र कृष्णा चौधरी के परवरिश के लिये उनके दादा रमेश चौधरी को एक लाख ग्यारह हजार रुपये का आर्थिक सहायता दिया एवं बच्चे के प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की पूर्ण जिम्मेदारी लिया। मौके पर रामकुमार झा “बबलू” मौजूद थे।
बताते चलें कि बेनीपुर प्रखंड के बहेड़ा थाना क्षेत्र के मकरमपुर निवासी अशोक चौधरी व उनकी पत्नी की दरभंगा लौटते समय गत 16 मई को सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। जबकि उनका सात वर्ष का बेटा कृष्णा सुरक्षित बच गया था।
बच्चे के सर से मा बाप का साया उठ जाने के बाद फिलहाल उनके बड़े चाचा पंकज चौधरी ही सहारा हैं। दादा 70 वर्षीय रमेश चौधरी की आँख भर आती है जब कोई बच्चे से मिलने जाता है तो। वहीं कई जनप्रतिनिधि मिले और आश्वासन दिए पर किसी ने कुछ खास मदद नही की थी।
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