न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क/ 5 नवंबर 2021 : शुक्रवार को संध्या 4:00 बजे से बाबा नागार्जुन की पुण्यतिथि पर बाबा के पैतृक गांव तरौनी में डॉ उषा चौधरी की अध्यक्षता व डॉ रानी झा के संचालन में बी.वी. शांति फाउंडेशन गुजरात एवं नागार्जुन पुस्तकालय संचालन समिति के संयुक्त तत्वावधान में बाबा नागार्जुन कि पत्नी अपराजिता देवी के नाम से अपराजिता कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस तरह का कवयित्री सम्मेलन संभवत: बाबा के गांव तरौनी के साथ ही मिथिला में पहली बार कवयित्री सम्मेलन देखने को मिला उपरोक्त बातें उपस्थिति कवयित्रीयो का कहना है। कार्यक्रम की शुरुआत नागार्जुन/यात्री जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण से की गई। साथ ही सभी कवियत्रियो ने यात्री की प्रतिमा के सामने एक एक दीप जलाकर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत शांति फाउंडेशन की अध्यक्षा और साथ ही इस समारोह की संयोजिका वन्दना शांति ने की उन्होंने कहा यह सत्र “अपराजिता” बाबा नागार्जुन /यात्री जी की सहचारिणी अपराजिता देवी को समर्पित है बाबा जिनका नाम ही यात्री पड़ा जो हमेशा यात्रा पर रहते थे उनके पीछे अपराजिता जी ने कितना संघर्ष किया है पर आज हम सभी बाबा को तो याद रखते है किंतु अपराजिता को भूल रहे है एक औरत अपना सर्वस्व न्योछावर करती है तब जाकर कोई नागार्जुन बनता है और आज हम सभी महिला रूपी अपराजिताये उनके त्याग को इस सत्र के माध्यम से नमन करते है।
साथ ही समारोह की मुख्य वक्ता सुनीता झा जी ने यात्री जी के पूरे व्यक्तित्व का वर्णन किया उन्होंने कहा कि बाबा हम सभी के बाबा थे। आज जहाँ लोग थोड़े लोभ के लिए सत्ता का गुणगान करते है वही बाबा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ललकारा “इंदु जी इंदु जी क्या हुआ.. आप सत्ता की मस्ती मे भूल गई बाप को”
इस सत्र की अध्यक्षा उषा झा जी और संचालिका रानी झा जी ने भी बाबा को याद करते हुए कहा की बाबा चाहते थे की महिलाएं भी आत्मनिर्भर बने और आगे आये। आज बाबा की आत्मा जहाँ कही भी होगी खुशी से झूम रही होगी।
इस समारोह का समापन वरिष्ठ साहित्यकार और इस सत्र के सलाहकार अजीत आजाद ने कहा कि कवि सम्मेलन तो बहुत होते देखा है पर कवियित्री सम्मेलन शायद ही सुनने को मिला हो अगर हुआ भी तो पटना मे ही हुआ होगा। समारोह की सफलता की बधाई के साथ उन्होंने आयोजक कमिटी को आभार प्रकट करते हुए कहा जिस बाबा को पुरा संसार प्रणाम करता था वह अपने गाँव मे उपेक्षित रहे आज बाबा को उनके गांव मे वह सम्मान मिला आज सही मायनो मे बाबा को सच्ची श्र्धांजलि मिली है।
साथ ही इस कवयित्री सम्मेलन में, सलाहकर कवि अजीत आजाद, संतोष दत झा (न्यूज़ टूडे, दरभंगा) मीडिया संयोजक एवं सलाहकार, फनींद्र मिश्र, पुस्तकालय अध्यक्ष, सुबोधचंद्र झा सचिव, सुभाष झा, चंचल यादव, अमरजीत यादव का योगदान पूर्णरूपेण रहा।
कार्यक्रम संयोजन बी वी शांति फाउंडेशन के चेयरमेन वंदना शांति ने खुद संभालाा। धन्यवाद ज्ञापन संतोष मिश्रा ने दिया साथ ही इस तरह का बौद्धिक कार्यक्रम मिथिला के बौद्धिक गांव में शुरुआत करने का आह्वान किया जिससे कि मिथिला का बौद्धिक उपस्थिति आम आदमी के बीच भी हो।
