दरभंगा, संवाददाता । मिथिला विकास बोर्ड गठित करने सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को सदर थाने क्षेत्र के तारसराय मुडिय़ा के समीप एनएच-57 को जाम कर रहे एमएसयू कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां चटकाई । इसके बाद जाकर यातायात सुचारू हुआ। लाठी चार्च में राष्ट्रीय संगठन मंत्री अविनाश भारद्वाज सहित दर्जन कार्यकर्ताओं एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार विपिन कुमार घायल हो गए। सभी घायलों को डीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।
छह कार्यकर्ताओं की चिकित्सा पुलिस हिरासत में हो रही है। वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने कहा कि एमएसयू के कार्यकर्ता एनएच पर उपद्रव कर रहे थे। सैकड़ों लोग, वाहन और एंबुलेंस फंसे थे। कई वाहनों के शीशे तोड़े गए। हल्का बल प्रयोग करते हुए जाम को खाली कराया गया।
कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। इसके पूर्व सुबह करीब 10 बजे से एमएसयू कार्यकर्ताओं ने एनएच को जाम कर दिया। जाम से मुजफ्फरपुर-पूर्णिया राष्ट्रीय उच्च पथ पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। जाम का नेतृत्व मिथिला स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष सागर नवदिया कर रहे थे। मौके पर सदर एसडीओ राकेश कुमार गुप्ता, बेनीपुर एसडीपीओ उमेश्वर चौधरी, बीडीओ रवि सिन्हा, थानाध्यक्ष शशिकांत ङ्क्षसह आदि पहुंचे और आंदोलनकारियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद पहुंची दंगा नियंत्रण दस्ता एवं सीआइटी के जवानों ने मोर्चा संभाला।
इसी बीच सभी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के लिए गाड़ी मंगाया गया। लेकिन, कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी देने से मना कर दिया और उग्र होकर प्रमंडलीय आयुक्त को बुलाने की मांग करने लगे। इसी बीच सदर एसडीओ और बेनीपुर एसडीपीओ के नेतृत्व में जवानों ने जमकर लाठियां चटकाई। कई को खदेड़ कर भी पीटा गया। देर शाम कार्यकर्ताओं ने घटना के विरोध में कर्पूरी चौक के पास सदर एसडीओ कुमार और बेनीपुर एसडीपीओ चौधरी का पुतला दहन किया। दोनों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों पर लाठी बरसाने का आरोप लगाया।
एमएसयू अध्यक्ष नवदिया ने बताया कि मिथिला विकास बोर्ड के माध्यम से मिथिला व उत्तर बिहार के अंतर्गत 20 जिले के 7 करोड़ लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र सरकार से इस क्षेत्र में 1 लाख करोड़ खर्च करने की मांग की जा रही है। उनकी मांग है कि एम्स, आइआइटी, आइआइएम, आइटी पार्क, टेक्सटाइल पार्क की स्थापना हो। स्पेशल एजुकेशन जोन, प्रत्येक जिले में मेडिकल व इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज की स्थापना हो। बंद उद्योग धंधा का रिवाइवल हो। बोर्ड गठन होने से मिथिला की बाढ़, सुखाड़ सहित कई गंभीर समस्याओं का समाधान होगा।
