दरभंगा,निशान्त कुमार : बृहस्पतिवार को जिले के बेंता ओ0पी0 थाना क्षेत्र में ड्रोन कैमरा के सहयोग से लॉक डाउन का उल्लंघन कर रहे कुल 06 लोगों को गिरफ़्तार कर कांड दर्ज किया गया है। उनमें राजन कुमार , विष्णु राम , शम्भू राम ,अभिनाश कुमार ,राहुल झा एवं मो0 खुर्शीद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
दूसरी तरफ़ लॉक डाउन उल्लंघन कर चाय की दुकान खोलकर चाय बेच रहे दुकानदार सहित दो व्यक्ति को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। वहीं दो अन्य व्यक्ति को बिना मास्क के शहर में घूमने के आरोप में गिरफ्तार किया। पकड़े गए चाय दुकानदार लहरियासराय थाना क्षेत्र के बाकरगंज पुरानी मच्छता निवासी स्वर्गीय शिवजी महतो के पुत्र गणेश महतो उसी मोहल्ले के महादेव पूर्वे के पुत्र साधु कुमार बाकरगंज के रहने वाले सुरेंद्र साह के पुत्र कुंदन साह उसी मोहल्ले के रामदेव शाह के पुत्र अनुराग कुमार को गिरफ्तार कर कोरोना संबंधी एक्ट एवं मास्क नहीं पहनने को लेकर मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि 25 अप्रैल को दरभंगा जिले के शहरी क्षेत्र से भारतीय जनता पाटी (BJP) के विधायक संजय सरावगी ने लोगों को जागरूक करने के नाम पर लॉकडाउन में अपने आवास पर एक बैठक रखी एवं इस दौरान काफी भीड़ नजर आई थी। तस्वीरों में साफ़-साफ लग रहा था कि लॉकडाउन-सोशल डिस्टेंसिग के नियमों का पालन नहीं किया गया। साथ ही बैठक में उपस्थित लोगों में आधे से अधिक लोगों ने मास्क नही पहना हुआ था। इसको लेकर सोशल मीडिया पर विधायक संजय सरावगी की किरकिरी हुई और सोशल मीडिया पर विपक्षियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों से घरों में रहेन की अपील कर रहे हैं। लेकिन उन्हीं की पार्टी के लोग उनकी अपील की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। बता दें कि आम नागरिकों पर लॉक डाउन उलंघन को लेकर पुलिस कड़े कानून व्यवस्था की बात करती है और लॉक डाउन का पालन नही करने वाले लोगों पर ड्रोन कैमरा से निगरानी रखी जाती है और उनपर कार्रवाई करती है। लेकिन दरभंगा शहरी क्षेत्र के विधायक संजय सरावगी और उनके द्वारा आयोजित बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं के खिलाफ करवाई करने से प्रशासन क्यों पीछे हटती हैं दरभंगा की जनता ने प्रशासन को सवालिया घेरे में डाल दिया है!

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केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें अगर वास्तव में इस महामारी पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने के लिये गभीर हैं तो उन्हें उन लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी होगी जो सत्ता या फिर अपने समुदाय, संप्रदाय या जाति विशेष वर्ग में अपना दबदबा दिखाने के लिये दूसरे लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
कल्पना कीजिये, विधायक संजय सरावगी द्वारा उनके निवास स्थान पर बैठक में शामिल व्यक्तियों में कोरोनावायरस का संक्रमण पाया गया तो ऐसे बैठकों में शामिल लोगों का पता लगाना उतना ही कठिन होगा जितना दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज में शामिल तबलीगियों को खोजने में हो रहा है।
महामारी के दौरान ऐसे कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा बैठक करना एक प्रकार से नियमों का उल्लंघन है। अगर हम कोरोनावायरस से निपटने के प्रति गंभीर हैं तो हमें नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ समान रूप से कार्रवाई करनी होगी. ऐसा नहीं करने पर पुलिस, प्रशासन और सत्तारूढ़ दलों के हुक्मरानों पर आम और खास के बीच संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करने और पक्षपात के आरोप लगते रहेंगे और इनका जवाब देना आसान नहीं होगा।
