सांसद के प्रयास के बाद मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा को मिला नया वैज्ञानिक, केंद्रीय टीम ने किया निरीक्षण।

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सांसद के प्रयास के बाद मखाना अनुसंधान केंद्र को मिला नया वैज्ञानिक.

मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा का केंद्रीय टीम ने किया निरीक्षण.

दरभंगा : मखाना से जिस मिथिला की पहचान देश-विदेश तक जानी जाती है, उसके वैज्ञानिक विधि से उत्पादन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्वायत्त इकाई के रूप में पूरे भारतवर्ष में मखाना के ऊपर कार्य करने के लिए एकमात्र राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा की स्थापना वर्ष 2002 में की गई थी. स्थापना के बाद वर्ष 2005 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली से स्वायत्त को हटाकर कृषि अनुसंधान परिषद पूर्वी जोन पटना से त्याग कर दिया गया. इस बारे में मखाना विशेषज्ञ प्रोफेसर विद्यानंद झा मखाना की एकमात्र मृतप्राय हो रहे संस्था के पुनः विकास के लिए सांसद की सक्रियता से संतोष प्रकट किया. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र को पूर्वी जोन पटना से टैग रहने पर यह संस्था दोयम दर्जे की रह गई. इसके बाद इसका स्वतंत्र विकास नहीं हो पा रहा है.

उन्होंने कहा कि यदि यह संस्था आज अपने उत्कर्ष पर होता तो इन क्षेत्रों में मखाना का उत्पादन कई गुना बढ़ाता और किसानों को काम और दाम दोनों मिलता. 6 जून 2001 को स्थापित हुए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर नित नए आयाम छू रहा है जबकि यह राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा राष्ट्रीय स्तर की संस्था कृषि विज्ञान केंद्र से भी निम्न स्तर पर चला गया. विगत दिनों इसकी इसकी दुर्दशा की बात सामाजिक सरोकार से जुड़े युवा उज्जवल कुमार एवं प्रगतिशील किसान कपिलदेव झा’ मुरारी की पहल से दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर के संज्ञान में आई. सांसद गोपाल जी ठाकुर ने लोकसभा में 7 फरवरी 2020 को सदन में पुरजोर तरीके से इस बात को रखी. उन्होंने मखाना अनुसंधान केंद्र को स्थापना काल के समय में जो सुविधा मिल रही थी उसे देने की बात कही. मखाना अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सह प्रभारी अध्यक्ष डॉ. इंद्र शेखर सिंह ने कहा कि केंद्र को हाल ही में एक नए वैज्ञानिक मिला है. मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा का केंद्रीय टीम ने निरीक्षण किया जिसमें मछली पालन के विकास एवं वैज्ञानिक शोध के लिए 2 तालाबों का निर्माण किया गया है. केंद्र में उपकरण के रखरखाव के लिए उपकरण शेड, फार्म क्षेत्र एवं आवासीय भवन, सड़क निर्माण और पूरे परिसर का समतलीकरण किया गया. डॉ. सिंह ने केंद्र में देश के साथ एग्रीकल्चर एवं प्रोसेस इंजीनियरिंग और रोग विज्ञान एवं कृषि प्रसार संबंधी संबंधित वैज्ञानिकों की नियुक्ति को आवश्यक बताया.

सामाजिक सरोकार से जुड़े युवा उज्जवल कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देखकर इस केंद्र को विकसित किया जा सकता है. इसके अतीत पर गौर करें तो स्थापना काल में ही यह केंद्र पूरे भारतवर्ष में एकमात्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली की स्वायत्तता वाली इकाई थी. इस केंद्र को सहायता मिल जाने से यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से सीधे जुड़ जाएगा. इससे वैज्ञानिकों की उपलब्धता के साथ ही विकास के संचित धन राशि मिलना भी शुरू हो जाएगा. इससे बीज प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन का कार्य में तेजी आएगी. इसे पूरे दरभंगा प्रमंडल के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.

सांसद को ज्ञापन सौंपते हुए समाजसेवी उज्ज्वल कुमार

प्रगतिशील किसान कपिल देव झाा मुरारी ने कहा कि राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान में प्रगतिशील किसानों की टीम हो जो अधिकारीगण और किसानों के बीच समन्वय को स्थापित करें. दरभंगा में मखाना बिक्री केंद्रों की स्थापना एवं दरभंगा मधुबनी में मखाना तैयार के लिए  शेड की व्यवस्था हो. किसानों को मखाना की खेती में खासकर मेर बनाने में मनरेगा मजदूर उपलब्ध होने से भी मदद होगा. वहीं भाजपा दरभंगा जिला प्रवक्ता  झा आजाद ने गोपाल जी ठाकुर के प्रयास को सराहा है और उन्होंने इस कार्य के लिए दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर को बधाई दी है

दरभंगा भाजपा के जिला प्रवक्ता माधव कुमार वत्स ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर को धन्यवाद ज्ञापित किया.

जिला प्रवक्ता माधव वत्स ने सांसद गोपाल जी ठाकुर को धन्यवाद ज्ञापित किया

श्री वत्स ने इस संबंध में बताते हुए कहा की गोपाल जी ठाकुर ने सदन में लगातार इसके लिए आवाज़ उठाया. उन्हीं के अथक प्रयासों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मखाना के महत्ता व ग्लोबल मार्केटिंग की चर्चा की है. श्री वत्स ने कहा कि सांसद गोपाल जी ठाकुर ने राष्ट्रीय दर्जा देने के अलावे वैज्ञानिक बहाली व अन्य स्तरों पर पुनरुद्धार की मांग की थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने निरीक्षण के लिए अपनी जांच टीम दरभंगा मखाना अनुसंधान केंद्र भेजा था. तदुपरांत इस केंद्र में एक वैज्ञानिक की बहाली के साथ ही मखाना अनुसंधान केन्द्र में मछली पालन एवं शोध कार्य हेतु दो तालाबों का निर्माण,उपकरण शेड,परिसर में सड़क निर्माण एवं समतलीकरण आदि कार्य भी हुए हैं. मखाना की खेती मिथिला के किसानों की आय को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी. साथ ही जिला प्रवक्ता श्री वत्स ने कोरोना महामारी के इस वैश्विक आपदा के समय में सांसद श्री ठाकुर के जिला प्रशासन से लगातार समन्वय के साथ साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे लोगों की मदद से वापस ट्रेन से आने में किए सहयोग व जिला भाजपा की पूरी टीम द्वारा सभी स्तरों पर लोगों को किये जा रहे हर संभव सहायता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है.

 

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