दरभंगा। सांसद गोपालजी ठाकुर ने शुक्रवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को केंद्रीय विवि का दर्जा देने को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। सदन में अपनी बात रखते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि मिथिला भारत भूखण्ड का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो कि जगत जननी माँ जानकी, कवि-कोकिल महाकवि विद्यापति जन्मभूमि है। यह वह धरती है जहाँ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने देवी अहिल्या को शाप-मुक्त किया था, यहाँ लोरिक, सल्हेश, दीनाभद्री, दुलरादयाल जैसे वीरों की जन्मभूमि भी है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र ज्ञान-विज्ञान के लिए प्राचीन काल से ही विश्व विख्यात है, यह विद्वानों की धरती रही है।
श्री ठाकुर ने कहा कि बिहार की बौद्धिक राजधानी दरभंगा में अवस्थित इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1972 में हुई तथा यह केंद्रीय विश्वविद्यालय के सभी अहर्ताओं को पूरा करता है। 350एकड़ की भूमि में संचालित इस विश्विद्यालय के अंतर्गत दरभंगा, मधुबनी,समस्तीपुर और बेगूसराय जिला के कई अंगीभूत व संबद्ध, दंत चिकित्सक, महिला प्रौद्योगिकी कॉलेज के साथ-साथ कई व्यवसायिक संस्थान संचालित हो रहे है।
श्री ठाकुर ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित राज मैदान में पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के कहे बातों से सदन को अवगत कराते हुए कहा कि लगभग 8 करोड़ मिथिलावसी भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति पूर्ण आस्था रखते है मिथिला के सर्वांगीण विकास की आशा और अपेक्षा रखते है।
