BPSC में शामिल मैथिली भाषा के साथ मज़ाक , संजय झा चुप क्यों..?

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बिहार सरकार BPSC से मैथिली हटा दिया वो भी साजिश के तहत। साजिश इस प्रकार कि एग्जाम का पैटर्न बदल दिया।

कल तक नितीश कुमार मंच पर यह कहते रहे हैं कि बिना मिथिला के विकास का बिहार का विकास सम्भव नहीं है और बिहार के बिना देश का विकास सम्भव नही और हमलोग ताली बजा देते हैं कि नितीश कुमार मैथिली के बड़े हितेषी है।

मैथिली भाषा जिसे अष्टम अनुसूची में श्रद्धेय वाजपेयी जी ने स्थान दिलाया और पूर्व में भी लालू यादव & टीम ने BPSC से मैथिली ख़त्म कर दिया था। इसके पीछे एक मुख्यमंत्री मिश्रा जी थे जो मैथिलों से एक भी नेता को उभरने नहीं दिया और लालू को अपना आशीर्वाद दिया। मैथिली भाषा का सबसे बड़ा दुश्मन मिथिला में ही था।

मैथिलों का मांग रहा है कि प्राथमिक शिक्षा में मैथिली को शामिल किया जाय और बिहार की द्वितीय राजभाषा मैथिली हो लेकिन इसके विपरीत ठीक उसी प्रकार तेजस्वी यादव और नितीश कुमार ने साजिश के तहत BPSC से ही मैथिली भाषा को अलग थलग कर दिया। लालू का इतिहास उसके दुलरुआ तेजस्वी ने दुहाराया है। नितीश कुमार बेचारे करे भी क्या परिस्थिति के मुख्यमंत्री हैँ खैर इसबार कोई मिश्रा जी नहीं इस सरकार में एक कथित मिथिला के विकास पुरुष मंत्री झा जी हैं।

मंत्री संजय झा के गुणगान करने वाले मैथिली के तथाकथित संगठन और मैथिल समाज उनसे सवाल करेंगे..??

खाली गप्प देला सं हेतइ यौ.. कि छोडू छोडू ने सैयां भोर भ गेलै” सुनला सं हेतै..?

 

 

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