शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराया जाना अमानवीय कृत्य – मनोज
गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किए जाने की मांग।
बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों से शैक्षणिक कार्यों के अतिरिक्त अन्य और कार्य कराए जाने संबंधी सरकारी फरमान पर मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज झा ने आपत्ति जताई है। इसको लेकर उन्होंने कहा है कि किसी भी परिस्थिति में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाना चाहिए। इससे विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था बाधित होती है और जिसका असर अंततः बच्चों की दी जाने वाली शैक्षणिक गुणवत्ता पर पड़ता है। शैक्षणिक समयावधि के बाद शिक्षकों को से अन्य और तरह के कार्य कराया जाना राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
विदित हो कि बिहार में अगले महीने के प्रारंभ से ही जाति आधारित जनगणना कार्य कराया जाना तय किया गया है। जिसमें शिक्षकों को अपने शैक्षणिक कार्य संपादन के अतिरिक्त जाति जनगणना कार्य किए जाने की महती जिम्मेदारी दी गई है। सरकारी फरमान के अनुसार शिक्षक सायं चार बजे तक विद्यालय में शैक्षणिक कार्य करेंगे और उसके बाद जनगणना कार्य को अंजाम देंगे। मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज झा ने कहा है कि सरकार का यह फरमान निंदनीय है तथा शिक्षकों को एकसाथ शैक्षणिक कार्यों के अतिरिक्त अन्य और कार्यों में लगाया जाना अमानवीय कृत्य है। सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाय।
