बिहार वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का जुगाड़ करे सरकार : विनोद

0

दरभंगा: पूर्व विधानपरिषद डॉ विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार को राज्य में तेजी से पूंजी निवेश एवं उद्योगों की स्थापना करनी चाहिए। बिहार लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए रोजी रोटी की व्यवस्था सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी। बिहार में लगभग 30 वर्षों में पूंजी निवेश की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया और आज इसी का नतीजा है कि पूरा बिहार उद्योग विहीन है तथा यहां के लोग मात्र खेती पर निर्भर करते हैं।

डॉ चौधरी ने कहा कि कोरोना के बाद से बिहार लौटने वालों में लगभग 15 लाख से ऊपर प्रवासी मजदूरों की संख्या होगी और इतने लोगों के लिए रोजी-रोटी की व्यवस्था सिर्फ मनरेगा के भरोसे करना बड़ा कठिन काम है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी ने अपने एक रिपोर्ट में अप्रैल माह में बिहार में बेरोजगारी दर 46.6 बताया था और आज जब लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस लौट चुके हैं तो इन सबों के लिए रोजी रोटी सरकार कहां से व्यवस्था करेगी यह आने वाला समय ही बताएगा।

उन्होंने कहा कि बिहार में लगभग 40 वर्षों से बड़े पैमाने पर कोई पूंजी निवेश नही हुआ है और ना ही कोई बड़ा कल कारखाना स्थापित हुआ है। वर्ष 2005 में श्री नीतीश कुमार जी ने बिहार की जनता को आश्वस्त किया था कि उन्हें सिर्फ रोजी-रोटी के लिए बिहार से बाहर जाने की आवश्यकता अब नहीं होगी। लेकिन आज भी 15 से 18 लाख की संख्या में बिहार के मजदूर राज्य से बाहर काम करते हैं। यह बात भी सही है कि उन्हें बाहर मजदूरी बिहार से ज्यादा मिलता है लेकिन बाहर जाने का सबसे बड़ा कारण बिहार में रोजगार का अभाव है। डॉ चौधरी ने बिहार सरकार से मांग की है कि बिहार में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश हो इस दिशा में ध्यान दें एवं राज्य में बड़े उद्योगों की स्थापना एवं बंद पड़े मिलो को फिर से चलाया जाए कुटीर उद्योगों पर विशेष रूप से बल दिया जाए ताकि यह पुनः जिंदा हो सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here