पृथक मिथिला राज्य के लिए मैथिल समाज को संगठित होने की ज़रूरत : बिनोद चौधरी
दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन पृथक मिथिला राज निर्माण के लिए आज जंतर मंतर पर विशाल धरना एवं प्रदर्शन आयोजित किया गया।
बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य एवं मिथिलांचल के नेता प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जब तक हम पूर्ण रूप से संगठित नहीं होंगे हमें मिथिला राज्य नहीं मिलेगा यह किसी एक व्यक्ति या संस्था की मांग नहीं है यह संपूर्ण मिथिला वासियों की बहुत पुरानी मांग है तथा हम इसके लिए लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं।
मिथिला के सभी जनप्रतिनिधियों को इसके लिए संसद एवं विधान मंडल में मिलकर आवाज उठानी होगी तभी सरकार पृथक मिथिलाराज की स्वीकृति देगी। डॉ चौधरी ने कहा कि यह हमारा अधिकार है और इसे हम हर हाल में लड़कर हासिल करेंगे।
दिल्ली में रहने वाले तमाम मिथिला वासियों से उन्होंने अपील की वे संगठित हो तथा अपने हक के लिए संघर्ष करना सीखें। डॉ चौधरी ने वर्तमान एनडीए सरकार द्वारा विकास के लिए उठाए गए कदमों की जहां सराहना की तथा कहा कि स्थानीय सांसद का इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल हो रहा है फिर भी हमें मिथिला राज्य के लिए अपने संघर्ष को धारदार बनाना होगा उन्होंने कहा कि मात्र डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू जी के प्रयास के भरोसे इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाना संभव नहीं है इसके लिए आप तमाम मिथिला वासी एवं मैथिली प्रेमियों को डॉक्टर बैजू को सहयोग करना होगा। चौधरी ने इस धरना प्रदर्शन में उपस्थित सभी मिथिला वासी का आभार व्यक्त किया तथा आयोजक अमरेंद्र जी सहित तमाम लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
धरना प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में अधिवक्ता श्री प्रदीप झा, भागवतझा श्री कौशल पाठक डॉक्टर राजपाल झा, डॉ विनोद नारायण झा, राजीव एकांत, अनिल झा, डॉ कौशल मिश्र, चंद्र भानु शर्मा ,डॉ सविता मिश्र, श्री नंदन झा आदि ने संबोधित किया एवं पृथक मिथिला राज्य की मांग रखी। धरना के अंत में महामहिम राष्ट्रपति के नाम से एक स्मार पत्र दिया गया जिसमें पृथक मिथिला राज्य की स्थापना सहित अन्य महत्वपूर्ण मांगों की चर्चा की गई है।
