मैथिली को हिंदी की उप भाषा (बोली) कहने के विरोध में प्रदर्शन और शिक्षा राज्यमंत्री का पुतला दहन।

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दरभंगा, निशांत झा : दरभंगा के सांसद डॉ गोपाल जी ठाकुर द्वारा लोकसभा में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में मैथिली को शामिल करने के सरकार के प्रस्ताव पर जानकारी लेने के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष सरकार द्वारा मैथिली को हिंदी की उप-भाषा कहने के विरोध में मिथिला विकास संघ की ओर से अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत भोगेंद्र झा चौक पर प्रदर्शन और केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष सरकार का सुजीत कुमार आचार्य के नेतृत्व में पुतला दहन किया गया।

वहीं संघ के अध्यक्ष विप्लव कुमार चौधरी की अध्यक्षता में प्रतिरोध सभा हुआ जिसे संबोधित करते हुए साहित्यकार चंद्रेश ने कहा कि मैथिली भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है जिसकी अपनी लिपि और व्याकरण है। मैथिली भाषा को उप-भाषा कहकर करोड़ों मिथिलावासी को अपमानित किया गया है। प्रो. उदय शंकर मिश्रा ने कहा कि हमलोग हिंदी को राष्ट्रभाषा मानते हैं इसका यह मतलब नहीं कि हमारी मातृभाषा का अपमान हो और हम चुप रहेंगे। सुजीत कुमार आचार्य ने कहा कि दरभंगा के सांसद ने बाद में अपने बयान में कहा था कि गलती सुधार लिया जाएगा लेकिन उस दिशा में अभी तक कोई कार्यवाई नहीं होना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। बरुन कुमार झा ने सुभाष सरकार को ज्ञानशून्य, अपरिपक्व और मैथिली विरोधी बताया। मृत्युंजय मृणाल ने कहा कि संविधान की अष्टम अनुसूची मे शामिल भाषा को उप भाषा कहने वाले मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। आंदोलन में मुख्य रूप से अलीनगर प्रमुख प्रतिनिधि राजीव यादव, दिनेश गंगानी, शैलेन्द्र कश्यप, नाजिया हसन, शशि रंजन सिंह , चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, विकास आनंद मोनू, दीपक सिंह ज्योति, बिंध्यनाथ झा, पवन शांडिल्य,चन्द्रकांत यादव,आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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