दरभंगा । मैथिली को अष्टम अनुसूची में शामिल करने के बाद मैथिली विषय को सीबीएसई के पाठ्यक्रम में शामिल कराने में प्रभावकारी भूमिका निभाने के लिए राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ सीपी ठाकुर का शनिवार को दरभंगा में नागरिक अभिनंदन किया गया। विद्यापति सेवा संस्थान एवं महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान आयोजित सम्मान समारोह में पद्मश्री ठाकुर को मिथिला की परंपरा के अनुरूप पाग व चादर से सम्मानित किया गया तथा ताम्रपत्र पर उल्लिखित अभिनंदन पत्र समर्पित किया गया।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए डॉ ठाकुर ने कहा कि मिथिला के साथ उनका मां बेटे का संबंध है। उन्होंने कहा कि मैथिली मेरी मां की भाषा है उनका ननिहाल मिथिला के रामपुरा में अवस्थित है। उन्होंने कहा कि मैथिली के विकास के लिए उनसे आज तक जो बन पड़ा उन्होंने किया है अब अगली पारी में वह मिथिला के विकास के प्रति कृतसंकल्प रहेंगे ।उन्होंने कहा की इस यात्रा में मिथिला के पारंपरिक रोजगार को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जाएगा। जिसके तहत पान, मखान माँछ आदि की खेती जो बदहाली के कगार पर खड़ी है उसे खुशहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीबीएसई पाठ्यक्रम में मैथिली विषय के शामिल होने से मैथिली भाषी के सामने रोजगार के अवसर भी स्वत: उपलब्ध हो गए हैं।
पद्मश्री ठाकुर को को सम्मानित करते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मिथिला और मैथिली को 90 के दशक से परवान चढ़ाने में सीपी ठाकुर लगे हुए हैं और आज उनकी सक्रियता के कारण ही मैथिली को पुनर्जीवन मिला है ।उन्होंने कहा मैथिली को अष्टम अनुसूची में शामिल करने सहित इसे सीबीएसई के पाठ्यक्रम में शामिल कराने के लिए संपूर्ण मिथिला वासी की ओर से व उनके प्रति कृतज्ञ हैं। डॉ बैजू ने कहा कि सीबीएसई के पाठ्यक्रम में आठवीं कक्षा तक मैथिली भी शामिल कर लिया गया है लेकिन अभी 12 वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में इसे शामिल होना बाकी है जबकि बिहार सरकार को भी सरकारी स्कूलों में मैथिली की पढ़ाई शुरू करनी चाहिए।
पद्मश्री ठाकुर ने मौके पर ही विश्वास दिलाया कि वह मिथिला और मैथिली के आन, बान और शान की लड़ाई अंतिम दम तक लड़ते रहेंगे और जब तक उसे सब कुछ हासिल नहीं हो जाता वह चैन से बैठने वाले नहीं।
डॉ बैजू ने मिथिला और मैथिली के विकास के लिए महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के निदेशक हीरा कुमार झा एवं मैथिली सेवी व भारत निर्वाचन आयोग के आइकॉन मणिकांत झा द्वारा किए गए कार्यों की विस्तार से चर्चा करते कहां कि इनके योगदानों की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। सीबीएसई पाठ्यक्रम में मैथिली भाषा को शामिल कराने में विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव वैद्यनाथ चौधरी एवं मणिकांत झा को निजी विद्यालय संगठन की ओर से सम्मानित किया गया।
एमएलएसएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ विद्या नाथ झा की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह का संचालन मैथिली भाषा साहित्य में हास्य सम्राट के नाम से विख्यात डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन विद्यापति सेवा संस्थान के स्वागत महासचिव जीव कांत मिश्र ने किया। समारोह में चेतना समिति के अध्यक्ष विवेकानंद झा, विनोद कुमार झा, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ एस एच ए आर जी, मिथिलाक्षर का कंप्यूटर फोंट तैयार करने वाले पंडित विनय झा, डॉ गणेश कांत झा, एमएमटीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य उदय चंद्र मिश्र, प्रवीण कुमार झा, आशीष चौधरी सहित अनेक निजी विद्यालयों के निदेशक एवं प्रधानाचार्य शामिल हुए।
