गर्व:: साइकिल पर गुरुग्राम से दरभंगा पहुंची ज्योति को सीएफआई ने ट्रायल का दिया ऑफ़र।

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दरभंगा ,  संवाददाता : 

गुरुग्राम से दरभंगा साइकिल से आनेवाली ज्योति को साइक्लिंग फेडरेशन आफ इंडिया ने ट्रायल का दिया ऑफ़र.

लॉक डाउन खत्म होते ही बुलाया दिल्ली, ट्रायल में सफल होने पर एकेडमी में मिलेगा स्थान .

ज्योति ने बीमार पिता को साइकिल पर बैठा कर 8 दिनों में की थी गुरुग्राम से दरभंगा की यात्रा .

दरभंगा की ज्योति कुमारी को साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अगले महिने ट्रायल के लिए बुलाया है। ज्योति ने भी साइकिल रेस के लिए दिल्ली जाने को तैयार है। फेडरेशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने कहा कि ज्योति अगर ट्रायल में सफल रहती है तो उसे दिल्ली स्थित नेशनल साइक्लिंग एकेडमी में जगह दी जायेगी । इन्होने ज्योति से फोन पर बात भी की है। इधर जबसे से ज्योति को फेडरेशन से कॉल आया वो भी इस बात से बेहद उत्साहित है वो दिल्ली जाने को तैयार है । वही ज्योति की इच्छा आगे पढ़ने की है वो पढ़ लिख कर कुछ बनना चाहती है।

गौरतलब 15 साल की ज्योति लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम से बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर कमतौल थाना क्षेत्र के टेकटार पंचायत के सिरहुल्ली गांव आयी थी। ज्योति ने 8 दिनों में 1000 किलो मीटर का सफर तैय किया था। 8वीं क्लास की छात्रा ज्योति ने मीडिया को बताया था कि गुरुग्राम में उसके पिता बीमार थे। लॉकडाउन के दौरान उनका सही से इलाज नही हो पा रहा था । पैसे की तंगी के कारण खाने में भी दिक्कत होने लगी थी।  किराये को लेकर मकान मालिक भी रूम छोड़ने के लिए दबाव दे रहे थे। ज्योति ने कहा था कि साइकिल के सिवा आने के लिए कोई साधन नही था। इसलिये साईकिल से घर आने का फैसला लिया शुरु मे तो पापा इसकेलिए तैयार नही थे लेकिन हालात को देखते हुए पापा भी सहमत हो गए।

इधर मीडिया में प्रमुखता से खबर आने पर राष्ट्रिय स्तर पर ज्योति की सराहना होने लगी है ,हर कोई ज्योति की तारिफ करते नही थक रहा है । जहां साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने ज्योति को ट्रायल में भाग लेने के लिए दिल्ली आने जाने का खर्च उठा रही है तो वही समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने 1 लाख रुपया देने की घोषणा की है तो जाप प्रमुख पप्पू यादव ने भी दरभंगा के जिलाध्यक्ष के मार्फत 20 हजार रुपया भेज कर ज्योति की मदद की है ।

इधर साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया के बुलाबे को लेकर ज्योति बेहद उत्साहित है,ज्योति ने मीडिया से कहा कि मुझे फोन आया था और साइकिल रेस लगाने को दिल्ली बुलाया गया है , मैं भी चाहती हूं साइकिल रेस में जाउँ और जाउंगी भी ,साथ ही ज्योति ने कहा वो पढ़ना चाहती है और पढ़ लिख कर कुछ बनना चाहती है । ज्योति इस बात से बहुत खुश है कि लोग उसकी तारिफ कर रहे है और आर्थिक मदद भी कर रहे है ।

बाईट : ज्योति कुमारी

 

ज्योति के पिता मोहन पासवान गुरुग्राम से गांव तक आने की व्यथा सुनाते हुए कहते है कि सफर के दौरान इस बात का बेहद दुख था की देखने वाले क्या कहते होंगे कि एक छोटी सी लड़की साइकिल पर बिठा कर मुझे ले जा रही और मैं पीछे बैठा हूं। वही साइकिल रेस के लिए बेटी को दिल्ली बुलाये जाने पर काफी खुश भी है, ज्योति के पिता कहते है कि वो जरुर भेजेंगे रेस के लिए बाकी उपर वाले के हाथ में है।

बाईट : मोहन पासवान , ज्योति के पिता

 

ग्रामीण श्रवन कुमार चौधरी ज्योति को मिल रही प्रसिद्ध से काफी प्रसन्न है ,कहते है कि परिस्थति कुछ भी करा सकता है और ज्योति ने जो किया है उससे गांव का नाम हुआ । साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने दिल्ली बुलाया है तो वही पप्पू यादव,अखिलेश यादव आर्थिक मदद दे रहे है ये बहुत खुशी की बात है।

श्रवण कुमार चौधरी , ज्योति के ग्रामीण

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