विश्व बैंक में “पूर्णिया” जिले के आभास झा को मिला अहम पद। न्यूज़ ऑफ मिथिला

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न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क: वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने भारतीय अर्थशास्त्री आभास झा को बड़ी जिम्मेदारी है. वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन पर महत्वपूर्ण स्थिति के लिए नियुक्त किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आभास झा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब तूफान अम्फान ने पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और बांग्लादेश को बुरी तरह प्रभावित किया है. आपको बता दें कि इस समय आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री भी एक भारतीय है. गीता गोपीनाथ है. साल 2019 में आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट की पोस्ट संभाली. इस पद तक पहुंचने वाली ये पहली महिला हैं. उनके नाम का ऐलान अक्टूबर, 2018 में ही हो गया था. IMF की पूर्व प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने गीता के नाम की घोषणा की थी. उन्होंने गीता को दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक कहा था.

जानिए कौन है आभास झा..?

पूर्णिया जिले के धमदाहा के मूल निवासी श्री झा की प्रारंभिक शिक्षा पटना में हुई है. उनके पिता जगदीश चंद्र झा पटना विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रख्यात प्राध्यापक रहे हैं. आभास झा सेंट जेवियर हाई स्कूल के छात्र रहे हैं. श्री झा काफी समय तक राजेंद्र नगर स्टेडियम के सामने अपने पैतृक निवास पर रहे. आभाष झा भाइयों में सबसे छोटे हैंं.  उनके बड़े भाई सुभाष कुमार झा लेखक हैं.

साल 2001 में झा ने वर्ल्ड बैंक ज्वाइन किया. वह बांग्लादेश, भूटान, भारत और श्रीलंका के बैंक कार्यालय में कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं.वह लैटिन अमेरिका, कैरिबियन, यूरोप, मध्य एशिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्रों में काम किया है. उनके अधिकार क्षेत्र में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और मालदीव शामिल हैं.

वो अब क्या करेंगे..?

वर्ल्ड बैंक उनकी क्षमता का उपयोग दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए करेगा. उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक दक्षिण एशिया क्षेत्र (एसएआर) आपदा जोखिम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन टीम को जोड़ने और सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित और मदद करना होगा.
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि ग्लोबल लीड्स और ग्लोबल सॉल्यूशंस ग्रुप्स के साथ मिलकर आभास झा काम करेंगे, ताकि बड़े पैमाने पर अभिनव और उच्च गुणवत्ता वाले विकास समाधान और इन देशों की सेवा के लिए वैश्विक ज्ञान और उसके प्रवाह को बढ़ावा दिया जा सके.

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