70 वर्ष के उम्र में भोला बाबू ने एलएनएमयु से की थी पीएचडी

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दरभंगा । बेगूसराय के वर्तमान सांसद डॉ. भोला सिंह का निधन भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति है। उनका जन्म 3 जनवरी 1939 को बेगूसराय के गुढपुरा प्रखंड के दुनही गांव में हुआ था। वे जी. डी कॉलेज, बेगूसराय में इतिहास के प्रोफेसर थे। पढ़ने की ललक उनमें ऐसी थी कि उन्होंनें 70 वर्ष की उम्र में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। 1967 में बेगूसराय से विधायक निर्वाचित हुए। वे आठ बार विधायक रहे। 2009 तथा 2014 में क्रमश: नवादा एवं बेगूसराय से सांसद निर्वाचित हुए। बिहार के गृह राज्य मंत्री एवं शिक्षा राज्य मंत्री रहे। बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष भी हुए। राजनीतिक सफर कम्युनिस्ट पार्टी से शुरू किया। फिर कांग्रेस, राजद से होते हुए भाजपा में आ गए। वे जदयू भाजपा की पिछली सरकार में नगर विकास एवं आवास विभाग के केबिनेट मंत्री तथा दरभंगा के प्रभारी मंत्री भी थे। प्रखर वक्ता और बेजोड़ संगठन कर्ता थे। आधी सदी का राजनैतिक सफर भोला बाबू के विराट व्यक्तित्व का परिचायक है। विश्वविद्यालय परिसर उनके प्रयाण से मर्माहत है । विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. सिंह, प्रतिकुलपति प्रो. जयगोपाल एवं कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

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