मधुबनी, न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क । योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में तीन दफे अपना नाम दर्ज कराकर विश्व कीर्तिमान बनाने वाले रवि व्योम शंकर झा जिला ही नही देश का नाम विश्व स्तर पर परचम लहराया है। जिले के बेनीपट्टी प्रखंड के ढ़गा पश्चिम टोल गांव निवासी 28 वर्षीय श्री झा को हाल ही में दिल्ली में आयोजित अटल मिथिला सम्मान समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाथों सम्मानित किया किए गए हैं। आने वाले दिनों में श्री झा हवा में योग का प्रदर्शन कर योग साधकों को धरती से उपर हवा में योग के आसन से अवगत कराएंगे।
लगातार तीन दफे विश्व कीर्तिमान बचपन से ही कुछ अलग करने की जिद रखने वाले 28 वर्षीय रवि व्योम शंकर झा को वर्ष 2016 में विश्व योग दिवस पर हुडा सिटी ग्राउंड फरीदाबाद में लगातार तीन घंटा तक शीर्षासन के लिए पहली बार गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में नाम दर्ज कराया। उन्होंने दूसरी बार वर्ष 2017 में विश्व योग दिवस पर अहमदाबाद में 45 मिनट तक शीर्ष पदमासन के लिए तथा तीसरी बार वर्ष 2018 में लगातार 24 घंटा 30 मिनट तक जल में योग अवस्था में रहने का रिकार्ड कायम कर गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में नाम दर्ज कराया। योग में महारथ हासिल करने वाले झा हिदी फिल्म दंगल के शुटिग के दौरान अभिनेता आमिर खान को भी योग सिखाया है। देश-दुनिया में श्री झा से योग की शिक्षा लेने वालों की बड़ी संख्या है। स्वामी रामदेव बाबा के सान्निध्य में रहकर योग के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाने वाले झा योग के देश-विदेशी में प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रगतिशील है।
पुत्र के योग सेवा से संतुष्टि अपने पैतृक गांव ढ़गा के राजकीय मध्य विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा के बाद मधुबनी के वाट्सन स्कूल फिर स्थानीय आरके कालेज से बीए तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद पतंजलि हरिद्वार से योग में पीजी कर योग के प्रचार-प्रसार में जुटे श्री झा के पिता अवकाशप्राप्त कर्मी श्रेष्ठ नारायण झा कहते है कि पुत्र रवि व्योम शंकर झा द्वारा समाज को योग के माध्यम लाभान्वित करने के प्रयास से काफी खुश है रवि देश का पुत्र बनकर योग से लोगों को स्वस्थ रखने के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए स्वस्थ समाज के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। पिता होने के नाते मेरी यही इच्छा है कि बगैर किसी विघ्न बाधा के रवि अपने लक्ष्य को हासिल करें। मेरी शुभकामनाएं उसके साथ हैं। ‘हवा में योग के आसन से योग साधकों अवगत कराने की तैयारी कर रहे है। योग के माध्यम से देशवासियों की सेवा से आंतरिक आनंद की अनुभूति होती हैं। हरेक लोगों को योग से निरोग रहने की यात्रा शुरू करना चाहिए। योग बदलते समय की जरूरत हो गयी है।’
– रवि व्योम शंकर झा
