पटना । जदयू ने साफ कहा है कि भाजपा से बेशक उसकी पुरानी दोस्ती है लेकिन, अध्यादेश के जरिए अगर अयोध्या में राम मंदिर बनाने का प्रयास किया गया तो वह उसका समर्थन नहीं करेगा। पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि इस तरह के किसी भी अध्यादेश का जदयू संसद के दोनों सदनों में विरोध करेगा।
सिंह शुक्रवार को रालोसपा के संस्थापक उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार शर्मा और कुछ नेताओं को जदयू में शामिल कराने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मिलन समारोह में जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे।
आरसीपी ने कहा कि भाजपा के साथ हमारा राजनीतिक गठबंधन 1996 से है। उस समय समता पार्टी थी। तब से ही राम मंदिर के सवाल पर हमारी पार्टी का स्टैंड अलग था। आज भी यही है। राम मंदिर बनने के दो रास्ते हैं। पहला -अदालत कोई आदेश दे। दूसरा-दोनों पक्षों की सहमति से यह बने। राम मंदिर निर्माण का तीसरा कोई भी रास्ता जदयू को मंजूर नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य को विशेष दर्जा देने की जदयू की मांग खत्म नहीं हुई है। पार्टी आज भी इस मांग पर कायम है। इसके अलावा हम राज्य के विकास के लिए अधिक से अधिक केंद्रीय मदद की उम्मीद रखते हैं।
सिंह ने कहा कि प्रमोद कुमार शर्मा रालोसपा के संस्थापकों में से एक रहे हैं। उनके शामिल होने से मुजफ्फरपुर जिले में जदयू की स्थिति मजबूत होगी। कभी जदयू से अलग होकर दूसरे दल में चले गए विजय प्रसाद सिंह को भी आज पार्टी की सदस्यता दी गई।
