दरभंगा : मैथिली के मूर्धन्य विद्वान एवं मारवाड़ी महाविद्यालय के पूर्व मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो दिनेश्वर झा ‘दीन’ के असामयिक निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने शोक संवेदना व्यक्त की है। बुधवार को संस्थान की ओर से जारी विज्ञप्ति में वयोवृद्ध साहित्यकार एवं विद्यापति सेवा संस्थान के अध्यक्ष पं चंद्रनाथ मिश्र ‘अमर’ ने कहा है कि उनके असामयिक निधन से मिथिला-मैथिली के विकास का एक सशक्त हित चिंतक हमसे जुदा हो गया। संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’ ने कहा कि मिथिला-मैथिली आंदोलनों के एक क्रांतिकारी अभियानी के साथ-साथ मिथिला की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में दिए अपने योगदान के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि उनके असामयिक निधन से ‘मैथिली क्रांति दूत’ का एक सशक्त अभियानी हमसे सदा के लिए छिन गया। विद्यापति सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ बुचरू पासवान ने उन्हें मिथिला मैथिली के विकास का प्रबल पैरोकार बताया। सचिव प्रो जीव कांत मिश्र ने उन्हें मिथिला मैथिली के विकास का सच्चा हितैषी बताया। मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी के रूप में दिए योगदानों के लिए वे हमेशा यादों में बने रहेंगे। उनके प्रति शोक संवेदना व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में डॉ महेन्द्र नारायण राम, विनोद कुमार झा, विजय कांत झा, प्रो चन्द्र शेखर जा ‘बूढ़ा भाई’, आशीष कुमार चौधरी, प्रो चंद्र मोहन झा ‘पड़वा’, डॉ गणेश कांत झा आदि शामिल हैं
