अहमदाबाद/ दरभंगा : साहित्यकार व लेखक वंदना झा ने आज अपना जन्मदिवस बड़े ही अनूठे अंदाज में मनाकर समाज के कमजोर व निःशक्त लोगों के प्रति संवेदनशील होने का संदेश दिया। जन्मदिवस के अवसर पर वंदना ने आज अहमदाबाद के गांधीनगर स्थित एक सरकारी अस्पताल में पीड़ित छोटे-छोटे बच्चों के साथ केक काटकर खुशी का इजहार किया। वंदना ने विभिन्न वार्डो में जाकर बीमार बच्चों को फल व गिफ़्ट भी बाँटे।
वर्ष 2010 में वंदना झा का सबसे पहला पुस्तक पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर आधारित ‘सफलता सूत्र’ प्रकाशित हुआ था। आपको बता दें कि सफलता सूत्र मैथिली भाषा में अब तक का सबसे पहला क़िताब है जो कि पर्सनालिटी डेवलपमेंट के ऊपर बना है। वर्ष 2012 में इनकी मैथिली कथा संग्रह “हरि कथा अनंता” प्रकाशित हुआ। वंदना अब तक कई पुस्तकें लिख चुकी हैं और उनका लेखन अनवरत जारी है। मैथिली साहित्यकार, शिक्षाविदों समेत देश-विदेश की अनेकों प्रख्यात हस्तियों ने इनकी लेखनी को सराहा है। हिंदी मैथिली व अंग्रेजी भाषा में स्वतंत्र लेखन के साथ-साथ वंदना संगीत के भी अच्छे जानकार है। अनेको पुरस्कारों से सम्मानित वंदना झा का जन्म 21 नवम्बर 1975 को बिहार के दरभंगा जिले के जाले प्रखंड क्षेत्र के निकासी गाँव में हुआ था। बीएससी केमिस्ट्री ऑनर्स, बीएड हार्डिंग् यूनिवर्सिटी यूएसए से शिक्षा ग्रहण करने के बाद वंदना वर्तमान में स्वतंत्र लेखन के साथ साथ अध्यापन कार्य कर रही है।
वंदना झा प्रसिद्ध मंच उद्घोषक व मैथिली अकादमी पटना के पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत झा की पुत्री और वायुसेवा सम्वर्ग में कार्यरत रंजन आनंद झा की पत्नी है।
