दरभंगा । LNMU में नैक मूल्यांकन पर आधारित कार्यशाला के दूसरे दिन संबंधन प्राप्त डिग्री कॉलेज व बीएड कॉलेजों को मूल्यांकन पद्धति में हुए बदलाव से अवगत कराया गया। नैक मूल्यांकन के रिवाइज्ड एक्रीडिटेशन फ्रेमवर्क (आरएएफ) विषय पर आयोजित कार्यशाला में कुलपति प्रो. एसके ¨सह ने कहा कि महाविद्यालयों का नैक से मूल्यांकन कराना अनिवार्य है। राजभवन का स्पष्ट आदेश है कि 30 जून तक नैक से मूल्यांकन के लिए एसएसआर दे देना है। ऐसे महाविद्यालय जो शर्त के अनुरूप नहीं आएंगे, उनका अनुदान रोक दिया जाएगा एवं संबंधन रद करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। स्वागत करते हुए विवि के आइक्यूएसी समन्वयक प्रो. बीबीएल दास ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को नैक मूल्यांकन की प्राथमिकताओं की महत्ता के बारे में प्रकाश डाला। मध्य प्रदेश के इंदौर से आए रिसोर्स पर्सन प्रो. प्रतोष बंसल ने नैक मूल्यांकन के लिए क्रमश: प्रक्रिया एवं सभी महत्वपूर्ण ¨बदुओं के बारे में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा कि सारी प्रक्रियाओं को आनलाइन पूरा करना है। रिसोर्स पर्सन ने प्रतिभागियों के पूछे गए प्रश्नों एवं शंकाओं का निवारण भी किया। संचालन विश्वविद्यालय के सीसीडीसी प्रो. मुनेश्वर यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन विकास पदाधिकारी डॉ. केके साहु ने किया। कार्यशाला में कुंवर ¨सह महाविद्यालय के डॉ. जय कुमार झा, सीसीडीसी कार्यालय के रामउदार ¨सह, प्रणव कुमार एवं शंकर कुमार ¨सह ने सक्रिय योगदान दिया।
