समस्तीपुर । इसी साल लोकसभा चुनाव होने हैं, एक बार फिर जीते हुए सांसदों को चुनाव में जाना है। जनता के सामने अपने पांच साल का लेखा-जोखा प्रस्तुत करना है। पांच साल में सांसद निधि से कुल कितनी राशि मिली और कितना खर्च हुआ, इस पर भी सवाल पूछे जाएंगे। वैसे लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से ही सभी दल और उसके नेता जुटे हुए हैं। पिछले छह महीने से विभिन्न दलों के द्वारा इसको लेकर तैयारियां की जा रही है। समस्तीपुर जिले में दो लोकसभा क्षेत्र है। जबकि हसनपुर विधानसभा क्षेत्र खगड़िया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर भी इसी जिले से आते हैं। भले ही वे राज्यसभा के सदस्य हों ¨कतु लोकसभा के सांसदों की तरह उन्हें भी विकास योजनाओं के लिए सरकार से राशि मिलती है। अर्थात सांसद निधि से वे भी खर्च करते हैं। बता दें कि लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसदों को हर साल पांच करोड़ रुपये अपने क्षेत्र के विकास योजनाओं के लिए मिलते हैं। यानि पांच साल में कुल पचीस करोड़ रुपये की राशि एक सांसद को अपने अपने क्षेत्र के विकास के लिए सांसद निधि मद से दी जाती है। यह राशि सांसदों के अनुशंसा पर ही खर्च की जाती है। समस्तीपुर एवं उजियारपुर के सांसद क्रमश : रामचंद्र पासवान एवं नित्यानंद राय को भी पांच साल में पचीस करोड़ रुपये की राशि केन्द्र सरकार से इस मद में मिली है। राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को भी हर साल पांच करोड़ की राशि सांसद निधि विकास मद में मिलती है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सांसद अपने सांसद निधि का भी सही से खर्च नहीं कर पाते हैं। सांसद निधि मद का पैसा पड़ा रह जाता है। जबकि क्षेत्र के लोग अपने-गांव समाज के विकास के लिए उनसे गुहार लगाते रहते हैं। सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल एवं कॉलेजों का भवन, रेलवे स्टेशन का विकास, गांव का चौपाल भवन, पुस्तकालय आदि निर्माण कराने की मांग करते रहते हैं। अक्टूबर 2018 तक सांसद निधि खर्च की जो स्थिति है, वह काफी गौर करने वाली है। सोलहवीं लोकसभा के सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत जिला योजना पदाधिकारी के द्वारा सरकार को जो रिपोर्ट भेजी गई है, वह काफी गौर करने वाली है।
समस्तीपुर के सांसद रामचंद्र पासवान हैं। एक बार फिर समस्तीपुर सुरक्षित क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक रहे हैं। जिला योजना कार्यालय की मानें तो पांच साल में रामचंद्र पासवान को पचीस करोड़ रुपये मिलने थे। जिसमें से इन्हें अब तक 2434.687 लाख रुपये मिले हैं। यानि इन्हें अब तक लगभग पूरी राशि प्राप्त हो चुकी है। रामचंद्र पासवान के द्वारा अनुशंसित कुल 405 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति मिली। इन योजनाओं पर 2532.489 लाख रुपये खर्च होने हैं। इसमें से 353 योजनाएं अब तक पूरी हो चुकी है जबकि 52 योजनाएं शेष है। यानि 87.16 प्रतशित योजनाएं इनकी पूर्ण हो चुकी है। जिस पर अब तक 1827.483 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। सांसद निधि के खर्च का प्रतिशत इनका 72.16 प्रतिशत है। अपूर्ण योजनाएं यदि पूर्ण हो जाएगी तो संभह है, ये शत प्रतिशत सांसद निधि का खर्च करने वाले सांसदों में शुमार हो जाएंगे।
उजियारपुर के सांसद नित्यानंद राय हैं। ये भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। एक बार फिर उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं। केन्द्र सरकार से इन्हें भी पांच साल में पचीस करोड़ रुपये मिलना था। केन्द्र सरकार से जो राशि मिलती है, उसका आधार खर्च होता है। जो सांसद जितना खर्च करता है, उसी के अनुरुप उसे अगली किस्त मिलती है। इस तरह नित्यानंद राय को सांसद निधि मद से अब तक 1572.134 लाख रुपये की राशि केन्द्र सरकार से मिली है। अर्थात करीब 16 करोड़ रुपये। इनके द्वारा अनुशंसित 336 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति मिली। जिस पर 1955.209 लाख रुपये खर्च होने हैं। सांसद नित्यानंद राय की अब तक 131 योजनाएं पूर्ण हो चुकी है जबकि 205 योजनाएं अपूर्ण हैं। यानि 38.98 प्रतिशत योजनाएं ही इनकी पूर्ण हो चुकी है। सांसद नित्यानंद राय के द्वारा अनुशंसित योजनाओं पर अब तक महज 538.607 लाख रुपये की खर्च हो पाएं है। यानि करीब साढे पांच करोड़ रुपये। जितनी अनुशंसा इन्होंने की है, वह पूरी भी खर्च हो जाए तो भी करीब 20 करोड़ के ही आसपास होगा। सांसद निधि से इनके खर्च का जो प्रतिशत है वह काफी कम यानि 27.54 प्रतिशत है। जिले में सबसे कम सांसद निधि मद से राशि खर्च करने वाले सांसद हैं।
सांसद निधि से खर्च करने के मामले में राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर अव्वल हैं। उनके द्वारा अब तक 85 फीसदी की राशि खर्च की जा चुकी है। जिला योजना कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रामनाथ ठाकुर की अब तक 330 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। जिसमें 2435.230 लाख रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है। इनकी 295 योजनाएं अब तक पूर्ण हो चुकी है जबकि 35 योजनाएं अपूर्ण है। अर्थात 89.39 प्रतिशत योजनाएं इनकी पूर्ण हो चुकी है। सांसद निधि के व्यय का प्रतिशत सर्वधिक 85.88 प्रतिशत है, जो दोनों सांसदों से कहीं ज्यादा है। इनकी सभी योजनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो शत प्रतिशत राशि खर्च करने वाले सांसदों में ये सुमार हो जाएंगे।
