दरभंगा । मिथिला भी पानी के मामले में गम्भीर जल संकट की स्थिति से गुज़र रहा है और अगर समय रहते इसके लिये प्रबन्ध नहीं किए गए तो आने वाले समय में यहाँ विकराल स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। दरभंगा में पानी के अधिकांश स्थानीय स्रोत सुख चुके हैं या उनका अस्तित्व नहीं रह गया है। मिथिला व दरभंगा की सैकड़ों छोटी नदियाँ विलुप्ति के कगार पर हैं ,मिथिला क्षेत्र के अधिकांश गाँव और कस्बों में तालाब और कुएँ भी बिना संरक्षण के सुख चुके हैं।
शहर में जो जलसंकट उतपन्न हुआ है, वह कोई दैवीय प्रकोप नही है, बल्कि यहां के नगर विधायक संजय सरावगी द्वारा हाल के वर्षो में भूमाफियाओं के साथ मिलकर तालाबो को भरकर बेचने के कारण उतपन्न हुआ है।
उपरोक्त आरोप खुले मंच से भाकपा माले के नेताओं द्वारा जनसंकट पर पीएचईडी कार्यालय के घेराव के दौरान कही गयी। बहादुर देकुली पंचायत के मुखिया नन्दलाल ठाकुर ने जहाँ जमकर और खुलकर नगर विधायक का नाम लेकर सीधा हमला बोला, वहीं माले नेता गजेंद्र शर्मा ने भी बखिया उधेड़ने में कोई कसर नही छोड़ा।
श्री ठाकुर ने साथ ही साथ पीएचईडी विभाग के लापरवाही पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि पीएचईडी के गोद लिए गाँव का यह हाल है तो फिर पूरे जिले का हाल समझा जा सकता है। यदि शीघ्र इसका निदान नही हुआ तो और बड़े आंदोलन की ओर कदम बढ़ाया जाएगा।
वहीं माले नेता गजेंद्र नारायण शर्मा ने कहा कि दरभंगा तालाबो के लिए जाना जाता था। पर हाल के वर्षों में यहां के प्रतिनिधि अधिकारियों के मिलीभगत से तालाबों को भर कर बेच दिए और करोड़ो अरबों कमा लिए। पर यहाँ जल संग्रह का स्थल खत्म हो गया और जल संकट उतपन्न हो गया।
इस पूरे मामले में वार्ता होने पर कार्यपालक अभियंता ने कहा कि विभाग तेजी से कार्य कर रहा है और 15 दिनों के अंदर लिकेज एवं अन्य कमियों को दूर किया जाएगा।
