दरभंगा । उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दरभंगा जिला के शहरी एवं कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न गंभीर जलसंकट का मुकाबला बेहतरीन तरीके से किया गया है। पानी की कमी की समस्या से जूझ रहे वार्डों में युद्धस्तर पर प्रशासन की ओर से टैंकर के जरिए पानी पहुंचाया गया, जिससे लोगों को तुरंत राहत मिली। कई वार्डों में बोरिग कराकर स्टैंड पोस्ट के जरिए पानी की आपूर्ति की गई जो काबिले तारीफ है। नल-जल योजना के तहत पाइप बिछाकर घर-घर में पानी पहुंचाने का कार्य चलाया जा रहा है, जिससे स्थिति नियंत्रण में है। जिले में बाढ़ की समस्या रहती है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी के मौसम में भूजल स्तर ज्यादा नीचे चला गया जिसके कारण सेलो ट्यूबवेल, 1.5 ईंच के पुराने चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया। समस्त प्राकृतिक संसाधनों जैसे पोखर, नाहर, पईन आदि पहले से ही सूखे हुए थे। जिससे पशुओं के लिए भी पानी की समस्या उत्पन्न हुई। बाढ़ व सुखाड़ के तहत वर्तमान जलसंकट को आपदा की श्रेणी में रखकर निराकरण का प्रयास जारी है। राज्य सरकार ने 31 मार्च 2020 के पहले हर घर में नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। नल-जल योजना के साथ-साथ गली-नाली पक्कीकरण योजना का भी क्रियान्वयन किया जाएगा। दरभंगा नगर निगम के अधिकांश वार्डों में पानी की समस्या बनी हुई है। नगर क्षेत्र में 20 हजार से ज्यादा नल-जल का कनेक्शन देना है। इस कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। सेलो ट्यूबवेल में सिलिडर लगाकर विशेष मरम्मत कराई जा रही है। जरूरतमंद वार्डों में नए चापाकल लगाए जा रहे है। उन्होंने सरकार के संकल्प को दोहराते कहा कि 15 अगस्त 2019 के पहले शौचालय विहीन घरों में शौचालय का निर्माण करा दिया जाएगा। अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग बाहुल्य गांव-टोलों में जहां शौचालय बनाने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है, उन टोलों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण विकल्प के तौर पर कराया जाएगा। सरकार का यह प्रयास है कि इसी साल सभी किसानों को कृषि कार्य के लिए बिजली का कनेक्शन दे दिया जाए। डीजल से सिचाई करने की तुलना में बिजली से सिचाई करने पर खर्च काफी कम हो जाएगा। कृषि कार्य के लिए अत्यंत सस्ता 75 पैसे प्रति यूनिट की दर पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। अब शहरों की तरह गांवों में भी सारी सुविधाएं विकसित हो रही हैं। 24 घंटे बिजली, खाना बनाने के लिए एलपीजी गैस, दूरसंचार की बेहतर कनेक्टिविटी आदि सुविधाएं लोगों का गांवों से शहरों की ओर पलायन को रोकने में मददगार साबित होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों के क्रिटिकल वार्डों में गाड़े गए 255 नए चापाकल डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने वीडियो प्रोजेक्टर पर सात निश्चय योजना, बाढ़ पूर्व तैयारी, जलसंकट प्रबंधन पर विस्तार से पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिखाया। बताया कि वर्ष 2019 में मात्र 105.76 एमएम वर्षापात हुई है, जो सामान्य वर्षा से 40 प्रतिशत कम है। भूजल स्तर के नीचे जाने से बेनीपुर प्रखंड के 6 पंचायत एवं बहादुरपुर प्रखंड के 9 पंचायतों में जलसंकट का ज्यादा सामना करना पड़ा है। जलसंकट का मुकाबला करने हेतु हरसंभव संसाधनों का उपयोग किया गया। शुद्ध पानी लोगों को मिल सके इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के क्रिटिकल वार्डों में 255 नए चापाकल गाड़े गए। 285 नए चापाकल की मांग विभाग से की गई है। 180 सेलो ट्यूबवेल की विशेष मरम्मत कराकर इसका कनवर्जन कराया गया है और 2 हजार 249 खराब चापाकलों की मरम्मत कर चालू कराया गया है। पानी की ज्यादा कमी वाले वार्डों में पानी तुरंत पहुंचाने के लिए 22 टैंकर को लगाया गया है। दरभंगा नगर निगम के 12 वार्डों में अभी तक पाइप लाइन नहीं बिछाया गया है। समस्याग्रस्त वार्डों में नगर निगम की ओर से इंडिया मार्का टू के 720 चापाकल गाड़े गए हैं। पीएचईडी की ओर से इंडिया मार्का टू के कुल 559 चापाकल गाड़े गए हैं। शहरी क्षेत्र में बुडको द्वारा 9 स्थलों पर जलमीनार बनाने एवं बोरिग गाड़ने का कार्य किया जा रहा है। शहर में कुल 280 स्टैंड पोस्ट के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
37 तालाबों को उड़ाही के लिए किया गया चिह्नित
डीएम ने कहा कि जलसंकट के स्थायी समाधान हेतु प्राकृतिक संसाधनों के सु²़ढ़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित तालाब, नाहर व पईन का सर्वेक्षण कराया गया है। नगर निगम क्षेत्र में कुल 37 तालाबों को उड़ाहीकरण के लिए चिह्नित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 123 पोखर, 109 आहार-पईन एवं 39 चेक डैम का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है, जिसमें 10 पोखर, 18 आहार-पईन एवं 2 चेक डैम का निर्माण पूरा हो गया है।
कमजोर प्वाइंट की तत्काल मरम्मत का निर्देश : जलसंकट प्रबंधन के साथ-साथ बाढ़ पूर्व तैयारी भी की जा रही है। 8 प्रखंड बाढ़ प्रवण है, जिसमें कुशेश्वरस्थान पूर्वी, कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर, गौड़ाबौराम, किरतपुर, हनुमाननगर, हायाघाट एवं बहादुरपुर प्रखंड शामिल है। वर्ष 2017 मनीगाछी छोड़कर शेष सभी 17 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए थे। बाढ़ प्रमंडल के अभियंताओं को उनके कार्य क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले तटबंधों का भौतिक निरीक्षण कर कमजोर प्वाइंट की तत्काल मरम्मत का निर्देश दिया गया है। बाढ़ आने की स्थिति में राहत एवं बचाव का कार्य चलाने हेतु सरकारी एवं निजी नावों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। कुल 261 सरकारी नाव परिचालन योग्य है। 176 निजी नावों का एकरारनामा कराया गया है। कुल 14 हजार 123 पॉलीथीन सीट्स उपलब्ध है। पर्याप्त संख्या में गोताखोरों को प्रशिक्षित किया गया है। बाढ़ से घिरे गांव के लोगों को सुरक्षित ठहराने हेतु 249 शरण स्थली चिह्नित कर लिया गया है। इन स्थानों पर पानी, शौचालय, रोशनी, चिकित्सा आदि की पर्याप्त सुविधा विकसित की जा रही है।
शौचालयों की हो रही जियो टैगिग
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत निर्मित शौचालयों का जियो टैगिग कराकर लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि के भुगतान की कार्रवाई की जा रही है। नगर निगम एवं नगर परिषद क्षेत्र के कुल 77 वार्डों में से 68 वार्डों को ओडीएफ घोषित किया गया है। हर-घर, नल का जल योजना के कुल लक्षित घरों की संख्या 7 लाख 58 हजार 754 है इसमें से 4 लाख 6 हजार 398 घरों में नल-जल योजना का कार्य पूर्ण हो गया है। बैठक में सांसद व विधायकों द्वारा कतिपय कार्य की गुणवत्ता, लाभार्थियों के प्रोत्साहन राशि के भुगतान से विलंब का मुद्दा उठाया गया। उप मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दे का अनुश्रवण कर तत्काल निराकरण करने का निर्देश दिया। मौके पर सांसद गोपालजी ठाकुर, नगर विधायक संजय सरावगी, जाले विधायक जीवेश कुमार, एमएलसी दिलीप कुमार चौधरी, सुनील कुमार सिंह, अर्जुन सहनी के अलावा अपर समाहर्ता विभूति रंजन चौधरी, डीडीसी डॉ. कारी प्रसाद महतो, अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) वीरेंद्र प्रसाद,जिला पंचायती राज पदाधिकारी शत्रुध्न कामती, नगर आयुक्त आदि मौजूद थे।
