बिहार में बाढ़ :; डूब रही है माँ जानकी की जन्मभूमि , अब तक 67 लोगों की मौत।

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पटना । बिहार का मिथिला क्षेत्र जहां माता सीता की जन्मभूमि है वहां पानी का प्रलय आया हुआ है. उत्तर बिहार में बुधवार को बूढ़ी गंडक समेत सभी नदियाें के जलस्तर में कमी आई पर मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा व मधुबनी में बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी है। बुधवार को मुजफ्फरपुर के बकुची में बागमती का पुराना तटबंध 100 फीट टूटने से बकुची कॉलेज के पास तेज कटाव हो रहा है।

नेपाल में लगातार बारिश और उत्तर बिहार की नदियों में अत्यधिक जलस्राव से दरभंगा शहर पर दबाव बढ़ गया है। जल संसाधन विभाग भी मान रहा है कि आगे खतरा हो सकता है। उधर, जलस्तर में कमी के बाद भी बागमती कटाैझा में लाल निशान से 2.86 मीटर व बेनीबाद में 42 सेमी. ऊपर बह रही है। दरभंगा में बागमती सहित अधवारा समूह की नदियों में पानी बढ़ने से धौंस नदी का पश्चिमी तटबंध कमतौल में दो जगह टूट गया।

जाले व मधुबनी के बिस्फी में पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है। वहीं, एकमी के पास स्लुईस गेट के पास रिसाव से दरभंगा शहर के आसपास पानी फैल रहा है। बुधवार काे सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड पर परिचालन शुरू हाे गया। जलस्तर में वृद्धि से सुपौल प्रखंड मुख्यालय की चिलौनी नदी पर बना डायवर्सन बुधवार को टूट गया। इससे मधेपुरा जिले के 24 व त्रिवेणीगंज प्रखंड के 12 गांव के 50 हजार लोगों का मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया।

उत्तर बिहार के 12 जिलों की 46.83 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ से अबतक कुल 67 लोगों की मौत हो चुकी है। सीतामढ़ी में 17, अररिया में 12, मधुबनी में 11, शिवहर में 9, पूर्णिया में 7, दरभंगा में 5, किशनगंज में 4 और सुपौल में 2 लोग जान गंवा चुके हैं। सबसे गंभीर स्थिति सीतामढ़ी की है, जहां की 176 पंचायतों की 17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। अररिया के नौ प्रखंडों की 124 पंचायतें जलमग्न हैं। यहां 9.24 लोग बाढ़ की चपेट में हैं।

फिलहाल 1.14 लाख लोगों ने 137 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टीमों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1116 सामुदायिक किचेन का संचालन किया जा रहा है। विभाग ने खाने की गुणवत्ता तय करने का आदेश दिया है। यहां पूड़ी और तले हुए खाद्य पदार्थ नहीं परोसे जाएंगे।

बाढ़ से जिला निबंधन व परामर्श केंद्रों पर भी खतरा मंडराने लगा है। योजना और विकास विभाग ने बाढ़ग्रस्त जिलों के सभी डीएम को निबंधन वपरामर्श केंद्रों की सुरक्षा के इंतजाम करने को कहा है।

नेपाल से निकलने वाली रातो, मरहा, बुरबे आदि नदियों का पानी सीतामढ़ी से बढ़कर मधुबनी के धौंस नदी में मिलने से नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई है। इससे बेनीपट्टी व बिस्फी प्रखंड स्थित अग्रोपट्टी बसैठा जमींदारी, रानीपुर मतरहरि जमींदारी बांध, करहरा से सोहरैल जमींदारी बांध और नजरा से मेधवन जमींदारी बांध को ओवरटॉपिंग करते हुए पानी दरभंगा के बागमती में प्रवाहित होने लगा है।

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बाढ़ से हुई क्षति की रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक संजय सिंह ने बुधवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और डीपीओ को पत्र भेजा है। बाढ़ प्रभावित स्कूलों के लिए जरूरी निर्देश भी दिए गए हैं। राहत शिविर में रह रहे बच्चों की सुरक्षा, शैक्षणिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षक से रचनात्मक गतिविधि चलाने के लिए कहा गया है।

आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेशवर राय ने कहा कि गंगा के खतरनाक घाटों पर लाल झंडे लगाए जाएंगे। झंडे पर ही आपदा प्रबंधन के इमरजेंसी और टॉल फ्री नंबर रहेंगे। विभाग ने टॉल फ्री नंबर के लिए आवेदन दिया है। मंत्री ने कहा कि खतरनाक घाटों को चिह्नित करने का जिम्मा जिला प्रशासन को दिया गया है।

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