दरभंगा :- बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के राज्य आह्वान पर चल रहे 17 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल के 61 वे दिन शिक्षकों ने हड़ताल अवधी में आर्थिक तंगी के कारण करीब 50 शिक्षकों के आसमयिक मृत्यु पर श्रद्धांजलि सह मौन धारण कार्यक्रम उनके आत्मा की शांति हेतु किया. विदित हो कि सात सुत्री मांगों को लेकर बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं, इसी बीच वैश्विक आपदा कोरोना ने भारत में दस्तक दे दी है जिससे बिहार भी काफी प्रभावित है. शिक्षकों ने इस स्थिति से निपटने हेतु हड़ताल के दौरान हीं कोरोना संक्रमण से बचने हेतु लोगों में जागरुकता, चंदे इकट्ठा कर मास्क साबुन सेनेटाइजर आदि का वितरण किया था. शिक्षक इस स्थिति में भी हड़ताल पर रहने के बाबजूद सरकार व समाज के साथ बिहार के विभिन्न विद्यालयों में बने कोरंटाइन सेंटर में योद्धा कि भांति अपनी सेवा दे रहें है. पर सरकार द्वारा अभी तक सकारात्मक वार्ता या घोषणा नहीं होना संवेदनहीनता की हदें पार करने जैसी है.टेट एसटेट उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के जिला प्रवक्ता सह समन्वय समिति बहेड़ी के प्रखण्ड उपाध्यक्ष धनंजय कुमार झा ने कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा हड़ताली शिक्षकों के शीर्ष नेतृत्व से वार्ता या घोषणा किए बगैर हड़ताल अवधी के नो वर्क नो पे लगाते हुए शिक्षकों को हड़ताल से वापस होने की अपील सरकार के संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. नियोजित शिक्षक इस बहकावे में नहीं आएंगे नियोजन रूपी कोरोना से मुक्ति हेतु अंतिम सांस तक नियोजित शिक्षक लड़ने को तैयार हैं. लाक डाउन समाप्त होने पर शिक्षक आंदोलन और उग्र होगा. हड़ताल अवधी में आर्थिक तंगी से शहीद हुए शिक्षकों कि बलिदान, तीस हजार से अधिक शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई निष्फल नहीं होने देंगे. संघर्ष जारी रहेगा. आज के कार्यक्रम में अपने घर पर प्रखण्ड अध्यक्ष अनिल कुमार, उपदेश कुमार, शहनवाज आलम, इस्तेखार अहमद, सुरेन्द्र कुमार ठाकुर, संतोष सिंह, फतेहुल इस्लाम, अभय कुमार राठौड़, हरिश्चन्द्र सदा आदि शिक्षकों ने दिवंगत आत्मा के लिए दो मिनट का मौन धारण किया.
