अंग्रेजी भाषा दलित समुदाय को दिला सकती है सामाजिक अभिशाप से मुक्ति – डॉ चन्द्रभान प्रसाद 

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न्यूज डेस्क. डॉ. चन्द्र भान प्रसाद, जो कि एक दलित विचारक हैं उन्होंने इंग्लिश कम्युनिकेशन स्किल सिखाने वाली प्रमुख संस्था लिंग्वा परिवार के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा ‘भारत ने दुनिया में दूर-दूर तक प्रतिष्ठा अर्जित किया है क्योंकि यहां के डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और वैज्ञानिकों ने अंग्रेजी भाषा को संवाद के माध्यम के रूप में चुना जो कि दुनिया की भाषा है।’

‘डोमेन विषय का अच्छा ज्ञान होने के बावजूद ज्यादातर दलित समुदाय के यूथ इंग्लिश स्पीकिंग स्किल के अभाव के कारन बेरोजगार हैं जिस वजह से अक्सर उन्हें रोजगार में उचित हिस्सा नहीं मिलता’ प्रसाद ने कहा।

 ‘दलित युवाओं को आगे आने की आवश्यकता है, वे उद्यमी बनने  की कोशिश करें क्योंकि व्यवसाय एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है, जो उन्हें बेहतर स्थिति और आधुनिक सुविधा, जैसे समृद्ध कार ब्रांड बीऍमडब्लू से लैस कर सकता है |  इस तरह यह उन्हें समाज के ऊंचे लोगों के समकक्ष स्थिति प्रदान करेगा।’

डॉ॰ प्रसाद की राय में अंग्रेज़ी भारत के लोगों के लिए रोज़ी-रोटी की भाषा है, चाहे यह किसी की भी मातृभाषा हो। प्रख्यात लेखक अौर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ॰ बीरबल झा ने विषय के क्रम को आगे बढाते हुए कहा कि ‘भारत की आर्थिक उन्नति आज के युवाओं के अंग्रेज़ी कौशल से जुड़ी है।’

देश में समाज के सबसे निचले-से-निचले तबके तक भी अंग्रेजी भाषा का लाभ पहुँचना चाहिए। सामाजिक न्याय की अवधारणा सभी के लिए समान शिक्षा का लाभ पहुंचाने में निहित है, जो कि भारत के संविधान में पहले से उल्लेखित है  – डॉ॰ झा जो लिंगवा परिवार के प्रमुख हैं, ने आगे कहा |

डॉ चन्द्र भान प्रसाद जो अंग्रेजी शिक्षा के प्रबल समर्थक हैं ने जोर देते हुए कहा कि, लिंग्वा परिवार भारतीय समाज में एक अच्छा और शानदार काम कर रहा है, यह आज के युवाओं को इंग्लिश स्पीकिंग स्किल से लैस कर रहा है, जिससे उन्हें करियर की संभावनाओं और जीवनशैली के महत्व को बेहतर ढंग से समझने मे मदद मिल सके। 

डॉ प्रसाद ने आगे कहा कि, अंग्रेजी भाषा दलित समुदाय को दिला सकती है सामाजिक अभिशाप से मुक्ति | गौरतलब है कुछ वर्ष पहले इंग्लिश देवी मैया मंदिर की स्थापना डॉ भान ने उत्तर प्रदेश के बांका गांव में करवाइये थी जिसकी चर्चा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई थी

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