पृथक मिथिला राज्य के लिए विद्यापति सेवा संस्थान ने चलाया जागरूकता अभियान
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नए साल की शुरुआत के साथ विद्यापति सेवा संस्थान के सदस्यों ने महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू की अगुवाई में कुशेश्वर नाथ महादेव का दर्शन एवं पूजन करने उपरांत जनगणना में अधिक से अधिक लोगों द्वारा मातृभाषा के कॉलम में मैथिली दर्ज करने एवं मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य के गठन के लिए चल रहे आंदोलन को भारी समर्थन प्रदान करने के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत कर दी है. शनिवार को सदस्यों ने जहां कुशेश्वर स्थान, चौगमा, नवादा, कठरा, तुमौल, बहुअरबा, फुलवन, टटुआर, ब्रह्मपुरा, राजे, सखबार आदि गांवों का दौरा कर वहां जन जागरण अभियान चलाया. वहीं, रविवार एवं सोमवार को इनके निशाने पर विशेष रूप से शहर के सीमावर्ती इलाके रहे. इस क्रम में सदस्यों ने आनंदपुर, सहोरा, मनौरा, पंचोभ, कोयला स्थान रानीपुर आदि गांव का दौरा कर जन जागरण अभियान चलाया.
मौके पर डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मिथिला के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, साहित्यिक और भाषा के क्षेत्र में समग्र विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन होना निहायत जरूरी है. क्योंकि सांस्कृतिक संपन्नता के लिए दुनिया भर में विख्यात रहा मिथिला आज भी सरकारी उपेक्षा के कारण लगातार पिछड़ेपन का शिकार होने को मजबूर हो रहा है. इस कारण ना तो पलायन का कोई ठोस निदान अब तक निकल पाया है और ना ही संवैधानिक भाषा के रूप में अब तक मैथिली को यथोचित अधिकार ही प्राप्त हो सका है. उन्होंने मैथिली भाषा एवं मिथिला के सर्वांगीण विकास में जनगणना के मातृभाषा कॉलम में मैथिली दर्ज किए जाने को कारगर बताते हुए आम मिथिला वासी से इसके लिए जनजागृति अभियान चलाने का आह्वान किया. इस अभियान में प्रो जीव कांत मिश्र, विनोद कुमार झा, प्रवीण कुमार झा, डॉ गणेश कांत झा, गंगा प्रसाद झा, विद्यानंद झा, केदारनाथ कुतर्क आदि उनके साथ रहे.
