आर्थिक आधार पर जनगणना एवं आरक्षण की मांग को लेकर ब्राह्मण फेडरेशन ने दिया धरना।

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आर्थिक आधार पर जनगणना एवं आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार को ऑल बिहार ब्राह्मण फेडरेशन द्वारा एकदिवसीय धरना का आयोजन किया गया। धरना का आयोजन लहेरियासराय के पोलो मैदान अवस्थित धरनास्थल पर किया गया।

ब्राह्मण फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ0 उदभट मिश्रा के नेतृत्व में आयोजित धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष डॉ0 प्रभाकर झा ने किया।

उदय शंकर चौधरी , अध्यक्ष, ऑल बिहार ब्राह्मण फेडरेशन

बतौर मुख्य अतिथि धरना में उपस्थित फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी मांग गरीब की गणना और गरीब को आरक्षण का लाभ देने की है। आज के परिदृश्य में सभी जातियों में गरीब हैं। सरकारी मदद का वास्तविक लाभ जाति को नही, गरीब को मिलना चाहिए। इसी को लेकर हमने आर्थिक आधार पर जनगणना एवं आरक्षण की मांग की है। आज का धरना इस अभियान की शुरुआत है। इसके बाद ब्राह्मण फेडरेशन द्वारा गांव-गांव में बैठक आयोजित कर लोगों को अभियान में शामिल होने केलिए जागरूक किया जाएगा।

उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार सवर्ण आयोग का गठन कर सवर्ण समाज के वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा करे।

इसके साथ ही उन्होंने परशुराम जयंती को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने एवं ब्राह्मण वेलफेयर फंड के गठन की भी मांग सरकार से की।

वहीं फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ0 उदभट मिश्रा ने कहा कि संविधान में आरक्षण की व्यवस्था 15-20 वर्षों केलिए की गयी थी ताकि पिछड़ों को आगे लाया जा सके। पर आजादी के 75 साल बाद भी पिछड़ों के बेटा, पोता, परपोता पिछड़े ही बनते गये। ऐसा आखिर क्यों, इसपर भी मंथन की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण का बेटा ब्राह्मण और दलित का बेटा दलित, इस व्यवस्था केलिए लोग मनुस्मृति को जिम्मेवार ठहराते हैं। परंतु वास्तव में भारत का संविधान कहता है कि ब्राह्मण का बेटा ब्राह्मण और दलित का बेटा दलित ही होगा। अतः इस व्यवस्था को अब बदलने की जरूरत है।

हाल ही में शहर में हुए राहुल झा हत्याकांड की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल सवर्ण परिवार से था, इसलिए उसके लिए सरकार के द्वारा किसी प्रकार के नौकरी की व्यवस्था नही थी और दिल्ली से दरभंगा आकर दिहाड़ी मजदूरी करना पड़ा। मजदूरी मांगने पर उसकी पीट पीट कर हत्या कर दी गयी। राहुल जैसे कई ऐसे उदाहरण हैं, जहां सवर्ण के साथ ऐसा अत्याचार होता है, क्योंकि उनकी सुरक्षा केलिए बोलने वाला कोई नही है।
साथ ही सवर्ण समाज के जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, कायस्थ बनकर हमसे वोट लेते हैं, और जीत जाने पर सामाजिक समरसता की बात करने लगते हैं। सवर्णों के हित की बात तो दूर, सवर्णों का अहित होता देख भी चुप्पी साध लेते हैं। आखिर उनकी यह कैसी सामाजिक समरसता है, जिसमे सवर्ण समाज को उपेक्षित किया जाता है।

सभा को संबोधित करते हुए फेडरेशन की महिला जिलाध्यक्ष कामिनी झा ने कहा कि ब्राह्मण फेडरेशन द्वारा आर्थिक आधार पर जनगणना एवं आरक्षण की मांग हमारे बच्चों के भविष्य केलिए है। बच्चों के भविष्य की चिंता माँ से ज्यादा कौन कर सकता है। जब बात बच्चों के जीवन पर बन आये तो महिला अपने बच्चे की रक्षा केलिए कोई भी रूप धारण कर सकती है। अतः आज जब हमारे बच्चों के भविष्य के सवाल पर अभियान की शुरुआत हुई है तो निश्चित रूप से महिलाओं को भी आगे आकर इस अभियान में शामिल होना चाहिए।

धरने में शामिल फेडरेशन के वरिष्ठ सदस्य प्रदीप ठाकुर ने कहा कि हम किसी का विरोध नही करते। सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं। ऐसे में हम खुद अपने समाज को उपेक्षित कैसे छोड़ सकते हैं। जब बात सबका साथ, सबका विकास की हो रही हो तो फिर उसमें सवर्ण समाज को कैसे छोड़ा जा सकता है! अतः जब बात सबके विकास की हो तो सवर्ण समाज के विकास की भी बात होनी चाहिए।
धरना के दौरान मंच संचालन देव कुमार झा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष रंजीत झा गगनजी ने किया।

इस दौरान ब्राह्मण फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी आयुक्त कार्यालय जाकर सौंपा गया।

इस दौरान अधिवक्ता सुरेंद्र चौधरी, कैलाश कुमार चौधरी, प्रदीप कुमार चौधरी, रमेश चौधरी, पंकज झा, बालेंदु झा, विक्रम झा, सुनील कुंवर, मोहन झा, राम मोहन मिश्र, वंदना झा, सुजाता देवी, तोष देवी, मंजू देवी, पूनम कुमारी, नन्दनी खां, बिमलेश कुमार, राम मोहन झा, संजीत ठाकुर, कृष्ण मोहन झा, विनोदकान्त झा, वीरेंद्र झा, फूलबाबू टेक्ट्रिया, सूर्यवली झा रिंकू, राजीव चौधरी, मुकुंद चौधरी, विकास विवेक चौधरी, शैलेन्द्र ठाकुर, राम मोहन मिश्र, मोहन झा, गोपाल झा आदि ने भी अपने अपने विचार रखे।

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