समस्तीपुर : कोरोना संकमण की दूसरी लहर से पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है. बिहार के समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहाँ भी काफी तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ मौत होने का सिलसिला जारी है. स्वास्थ्य व्यवस्था का आलम यह है की कोरोना के मरीजों को न अस्पताल में इलाज के लिए बेड मिल रहा है और न ही लोगों को ऑक्सीजन मुहैया हो रही है.
लेकिन स्थानीय लोग स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की अपेक्षा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से अत्यधिक त्रस्त है. बढ़ते कोरोना काल में समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता लोजपा के सांसद प्रिंस राज को ढूंढ रही है. न्यूज़ ऑफ मिथिला के ऑफिसियल संपर्क नम्बर पर कॉल कर यहाँ की जनता बता रही है कि संकट की इस घड़ी में सांसद प्रिंस राज अपने इलाके में आये नहीं.
सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार विधानसभा चुनाव हारने के बाद लोक जन शक्ति पार्टी के नेताओं का राज्य की जनता से मोह भंग हो गया है? अगर ऐसा नहीं है तो कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के पहले से लेकर अब तक कहां हैं?
जिन लोगों ने अपना कीमती वोट देकर इन्हें देश की संसद का सदस्य बनाया, उन तक मदद पहुंचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। परेशान होने के लिए उन्हें छोड़ दिया गया। जबकि, इन सबकी राजनीति बिहार के ऊपर ही टिकी हुई है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले ‘बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट’ का नारा भी प्रिंस राज के चचेरे भाई व लोजपा के कमान संभालने वाले चिराग पासवान की तरफ से दिया गया था.
