दरभंगा: लहेरियासराय थानाक्षेत्र के बलभद्रपुर में मजदूर की पीट-पीटकर की गई हत्या मामले में चिकित्सक की गिरफ्तारी की मांग को ले लोग मंगलवार को आक्रोशित हो गए। लोगों ने नगर थानाक्षेत्र के मिर्जापुर चौक को चारो ओर बांस-बल्ला लगाकर दरभंगा-लहेरियासराय पीडब्ल्यूडी पथ को जाम कर दिया। जिससे लहेरियासराय, दरभंगा, दरभंगा टावर और दरभंगा स्टेशन पथ में चार घंटों से वाहनों की लंबी लाइन लगी है। नाराज लोग सड़क पर आगजनी कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। घटना में पुलिस पर चिकित्सक को बचाने का आरोप रहे हैं। हालांकि, सूचना पर नगर थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह आक्रोशित लोगों को काफी समझाने की कोशिश की। लेकिन, कोई बात मानने को तैयार नहीं हैं। स्थिति को देख सदर एसडीपीओ अनोज कुमार के नेतृत्व में कई थाने की पुलिस व दंगा नियंत्रण दस्ता मौके पर पहुंची है। नाराज लोगों से वार्ता चल रही है। लेकिन, नाराज लोग जाम हटाने से पहले चिकित्सक की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। बता दें कि मिर्जापुर स्थित इंदिरा गांधी चौक निवासी मजदूर राहुल झा विगत 16 दिनों से चिकित्सक डॉ. सिद्धार्थ के यहां चाहरदीवारी निर्माण में काम कर रहा था।
राहुल द्वारा मजदूरी मांगे जाने पर चिकित्सक के आवास पर ही मजदूर के ठेकेदार ने राहुल को बांध दिया और रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी। मामले में लहेरियासराय पुलिस ने ठेकेदार व मुंगेर जिले के सदर थानाक्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी (वर्तमान पता बहादुरपुर थानाक्षेत्र के रघेपुरा) पकंज कुमार सिन्हा, समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थानाक्षेत्र के छगन टोली निवासी (वर्तमान पता बहादुरपुर थानाक्षेत्र के आरएस टैंक) राजेश यादव व मजदूर सिमरी थानाक्षेत्र के माधोपुर निवासी उत्तम कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन, मृतक के स्वजनों का कहना कि मजदूरी मांगने के कारण चिकित्सक एवं उसके लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस चिकित्सक को बचाने में लगी है।
पोस्टमार्टम के बाद जब राहुल के शव को 27 जुलाई को घर लाया गया था लोग आक्रोशित हो गए थे। मिर्जापुर स्थित इंदिरा गांधी चौक को लोगों ने जाम कर दिया था। आगजनी कर देर रात तक लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर सड़क पर शव को रख दिया था। चिकित्सक की गिरफ्तारी बाद ही अंत्येष्टि करने पर अड़े रहे। हालांकि, आश्वासन के तहत 28 जुलाई को स्वजनों और जाप नेताओं की एसएसपी से वार्ता हुई। इसमें एसएसपी ने चिकित्सक की भूमिका की जांच कराने का आदेश दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष मजदूर राहुल झा के शव को अंत्येष्टि कराने को राजी हुए। लेकिन, छह दिनों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से लोग फिर से आक्रोशित हो गए।
