दरभंगा: बिहार में अफसरशाही पर सियासत तेज हो गयी है। बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी के इस्तीफा देने के मामले पर राजनीतिक बयान-बाजी खूब तेज हो गयी है. विपक्षी पार्टी जहां सरकार पर हमलावर है वहीं दरभंगा जदयू के जिलाध्यक्ष सह बेनीपुर विधायक विनय चौधरी “अजय” ने अफसरशाही की बात को सिरे से नकार दिया है।
दरअसल शनिवार को जिला अतिथि गृह में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विनय चौधरी ने कहा कि बिहार में अफसरशाही जैसी कोई बात नही है। जब वे जिलाध्यक्ष थे, तब भी उनकी बात सुनी जाती थी। अब जब वे विधायक हैं, तब भी सभी अधिकारी उनकी बात सुनते हैं। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़ी वास्तविक समस्या हर अधिकारी को सुनना पड़ेगा, चाहे वो हंस के सुने या गा के सुने। जनता की समस्याओं का समाधान उन्हें करना ही होगा।
हालांकि विनय चौधरी हाल ही में मंत्री मदन साहनी द्वारा अफसरशाही को लेकर दिए बयान पर कुछ भी कहने से बचते दिखे और मामले को मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया। वहीं एक भाजपा विधायक द्वारा चपरासी तक बात नही सुनने की बात पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि वे चपरासी से काम कहते क्यों हैं? चपरासी का जो काम है, वही काम उन्हें करने दें।
गौरतलब है कि बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी ने आरोप लगाया था की उनके अफसर तो छोड़ दीजिये एक चपरासी तक उनकी बात नहीं सुनते। उनके इस बयान का समर्थन उन्ही के सहयोगी दल के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी कर चुके हैं। अब देखना ये दिलचस्प होगा की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया इस पर क्या आती है और वो क्या मदन सहनी को मनाते हैं या उनका इस्तीफा स्वीकार कर लेंगे।
