दरभंगा: संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहा है ऐसे विकट समय में पत्रकार बिरादरी कोरोना वारियर्स की तरह अपनी जान जोखिम में डालकर अपने दायित्वों का निर्वाह कर रही है। परंतु ऐसे समय में भी संपूर्ण प्रदेश में पत्रकारों के ऊपर पुलिस व प्रशासन की प्रताड़ना के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। दरभंगा जिले के लहेरियासराय से ताज़ा मामला सामने आया है। समाचार संकलन के लिए निकले पत्रकार नफ़ीस करीम के साथ दरभंगा पुलिस द्वारा अमानवीय व्यवहार किया गया। पत्रकार नफ़ीस करीम ने बताया कि एक सरकारी अधिकारी का साक्षात्कार करने उनके कार्यालय गया हुआ था। कार्यालय परिसर के बाहर अपने दो पहिया वाहनों को खड़ा कर दिया था। बारिश की वज़ह से बाइक पर लटका हेलमेट बारिश में भींग गया था। हज़मा चौराहा के निकट पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। हेलमेट बारिश में भींगने के कारण पत्रकार नफ़ीस करीम ने हेलमेट नही लगा रखा था। पुलिस ने परिचय देने और पास तथा कार्ड दिखाने के बावजूद उपस्थित पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की। पत्रकार नफ़ीस करीम ने कहा कि हेलमेट भींगा था, इसलिए नही पहने थे। पत्रकार ने फाइन काट देने की बात कही इसपर इतना सुनकर मौजूद पुलिसकर्मी तमतमा गए और पत्रकार के वाहन की चाभी निकाल ली।
वहाँ खड़ा एक अन्य सिपाही ने वीडियो बनाना लग गए और सवाल पूछने लगे। उक्त पत्रकार ने कहा कि मैं अपनी गलती के बदले फाइन देने को तैयार हूँ तो फिर फ़ोटो/वीडियो क्यों बना रहे हैं! बाद में पत्रकार नफ़ीस करीम ने किसी बड़े अधिकारियों से बात करवाई और उन्हें भींगा हुआ हेलमेट पहनने के बाद छोड़ दिया गया।
सवाल यह उठता है कि अगर भींगी हुई हेलमेट पहनने के बाद उक्त पत्रकार को सर्दी जुकाम हुई और इससे कोरोना संक्रमण का ख़तरा बढ़ा तो इसका जिम्मेदारी कौन लेगा..?