न्यूज़ डेस्क।
मधुबनी।
लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव बहुत हीं दिलचस्प होता जा रहा है, पिछले कुछ महीनों से दरभंगा सीट को लेकर बहस चल रही थी। दरभंगा सीट को लेकर महागठबंधन से पूर्व सांसद कीर्ति आजाद, पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी, वीआईपी के मुकेश साहनी और अलीनगर के विधयाक अब्दुल बारी सिद्दीकी टिकट के रेस में थें लेकिन अंततः टिकट अब्दुल बारी सिद्दकी को मिला। जिसके बाद बाते मधुबनी सीट की होने लगी, कीर्ति आजाद, मो. अली अशरफ फातमी और मुकेश साहनी की नजर मधुबनी सीट पर थी। बता दूं कि मधुबनी सीट के रेस में भी इन तीनो के अलावा कांग्रेस के नेता शकील अहमद भी ताल ठोक रहें थें। लेकिन जब सीट की बटवारे हुई तब मधुबनी से वीआईपी को टिकट मिला। अब महागठबंधन से राजद नेता अली अशरफ फातमी और कीर्ति आजाद की आश कम होने लगी, फातमी समर्थक के बीच उनके बागी होने की आशाएं दिखने लगी। जिसके बाद घोषणा हुआ कि कीर्ति आजाद कांग्रेस के सीट से धनबाद से चुनाव लड़ेंगे। अब टिकट के आस में दो दिग्गज एक शकील अहमद और अली अशरफ फातमी बच गएं, लेकिन शकील अहमद ने पहले हीं घोषणा कर दी कि वे चुनाव लड़ेंगे और मधुबनी से हीं लड़ेंगे। जिसके बाद शकील अहमद कांग्रेस से बागी होकर मधुबनी के रेस में शामिल हो गए। अब आज पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी ने भी आधिकारिक घोषणा करते हुए मधुबनी से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने बहुउद्देश्यीय भवन में अपने समर्थकों से अपील की कि वे 18 तारीख को मधुबनी सीट से निर्दलीय नामांकन करवाएंगे, जिसमें आपलोगों की उपस्थिति अनिवार्य है।
अब होगी कड़ी मुकाबला..
अब एनडीए सीट से अशोक यादव और महागठबंधन की ओर से वीआईपी के उम्मीदवार मैदान में हैं, तो इन दोनों के अखाड़े में कड़ी टक्कर देने के लिए दो बागी नेता एक अली अशरफ फातमी और शकील अहमद भी मैदान में कूद गए है। अब मधुबनी का चुनावी अखाड़ा काफी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि हर चुनावी अखाड़े में सिर्फ दो प्रतिद्वंदी रहतें हैं, लेकिन यहां चार-चार है। अब देखने वाली बात ये होगी कि कौन किससे बेहतर हैं, क्योंकि इसका फैसला अब मधुबनी के जनता के हाथ में है।
