दरभंगा: राजघराने की बहू युवराज जीवेश्वर सिंह की पत्नी कुमारी राजकिशोरी का निधन सोमवार को हो गया। उन्होंने 85 साल की उम्र में बलभद्रपुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। यहां वह अकेले रहती थीं। वो अपने पीछे दो बेटियां छोड़ गईं हैं। दोनों बेटियां कात्यायिनी और देव्यानी सात जीएम रोड स्थित राजबंगले में रहती हैं।
याद रहे कि राजकिशोरी का विवाह 30 जनवरी 1948 को दरभंगा महाराज के बड़े भतीजा युवराज जीवेश्वर सिंह से हुआ था। महाराज कामेश्वर सिंह ने भतीजे जीवेश्वर को युवराज का खिताब दे रखा था। लेकिन, रानी को कभी अपने धन का गुमान नहीं रहा। वह बेहद सादगीपूर्ण जीवन जीती थीं।
महाराज को पसंद थी बहू की सादगी
राज परिवार से जुड़े लोग बताते हैं कि राजकिशोरी का खर्च शुरू से ही बहुत सीमित था। वह कभी भी फिजूल खर्च नहीं करती थीं। महाराज को अपनी बहू की यह आदत बेहद पसंद थी। शुरू से ही सादगी इस रानी की पहचान रही। सीमित संसाधन में रहने की उनकी आदत उस जमाने में भी चर्चा में होती थी। बावजूद इसके कि दुनिया की कोई भी चीज उनके लिए अनुपलब्ध नहीं थी। वह तब भी किसी चीज की चाहत ज्यादा नहीं करती थीं।
युवराज के बेदखल होने के बाद चली गईं थी बेला पैलेस
बताते हैं कि महाराज कामेश्वर सिंह के रहते राजकिशोरी दरभंगा के नरगौना पैलेस में ही रहती थीं। महाराजा के निधन के बाद वसीयत में युवराज को बेदखल किए जाने के बाद वह युवराज के साथ बेला पैलेस में रहने लगीं। सरकार ने जब बेला पैलेस का अधिग्रहण कर लिया तो राजकिशोरी यूरोपियन गेस्ट हाउस में रहने लगीं। लेकिन सरकार ने आपातकाल के दौरान उसका भी अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद बलभद्रपुर स्थित आवास में ही उनका शेष समय बीता।
युवराज के निधन के बाद अपना लिया था एकांतवास
युवराज जीवेश्वर सिंह के निधन के बाद राज किशोरी बेहद एकांत में रहने लगी थी। लोगों से नहीं के बराबर मिलती थीं। लंबे समय से वह बीमार चल रही थीं। इस बीच सोमवार को जब उनके निधन की सूचना मिली तो शहर में शोक की लहर दौड़ पड़ी। लोगों के बीच दरभंगा राज परिवार की कहानी एक बार फिर ताजा हो गई। उनके आवास पर लोग पहुंचने लगे। मंगलवार को रानी का अंतिम संस्कार हुआ।
