दरभंगा : मिथिला वासियों का 86 साल पुराना सपना आज साकार होने जा रहा है। 1887 में निर्मित कोसी रेल पुल के 1934 के भूकंप में ध्वस्त होने से मधुबनी से सुपौल का संपर्क टूट गया था। इस कारण दरभंगा, मधुबनी के लोगों को समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया होकर सुपौल जाना पड़ता था, जिसमें काफी वक्त लगता था।
6 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी और रेल मंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने कोसी महासेतु की सौगात देकर दो भाग में बंटे मिथिला को एक कर दिया। आज रेल महासेतु का उद्घाटन हो रहा है। अब रेल मार्ग के जरिए भी मिथिला की डायरेक्ट कनेक्टिविटी उत्तर-पूर्व के राज्यों से हो जाएगी। इससे मिथिला के विकास को गति मिलेगी।
मैं संपूर्ण मिथिला की तरफ से माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी, माननीय मुख्यमंत्री एवं पूर्व रेल मंत्री श्री Nitish Kumar जी और मौजूदा रेल मंत्री श्री Piyush Goyal जी के प्रति आभार प्रकट करता हूं।
साथ ही, एक बार फिर अनुरोध करना चाहता हूं कि कोसी महासेतु को मंजूरी सहित मिथिला और मैथिली के विकास में अटल जी के अविस्मरणीय योगदान को देखते हुए इस महासेतु का नामाकरण अटल जी के नाम पर किया जाये। फरवरी, 2012 में कोसी सड़क महासेतु के उद्घाटन के दिन भी मैंने यह मांग रखी थी। हम मैथिल श्रद्धेय अटल जी के कर्ज को तो कभी उतार नहीं सकते, लेकिन ‘अटल महासेतु’ के बहाने हम उन्हें एक छोटी सी श्रद्धांजलि जरूर दे पाएंगे।
उक्त बातें बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने फेसबुक के माध्यम से लिखा है।
