न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क. बिहार में कोरोनाकाल के बीच विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने तीन चरण में मतदान कराने की घोषणा की है.
प्रथम चरण में 16 जिलों के 71 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में 28 अक्टूबर 2020 को तथा दूसरे चरण में 17 जिलों के 94 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में 03 नवम्बर 2020 को तथा तीसरे चरण में 15 जिलों के 78 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में 07 नवम्बर 2020 को मतदान कराया जाएगा. मतगणना 10 नवम्बर 2020 को निर्धारित किया गया है. दरभंगा जिले के 05 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 78-कुशेश्वरस्थान , 79-गौड़ाबौराम, 80-बेनीपुर, 81-अलीनगर एवं 82- दरभंगा ग्रामीण में चुनाव दूसरे चरण में 03 नवम्बर 2020 को तथा 05 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र – 83-दरभंगा, 84-हायाघाट, 85-बहादुरपुर, 86-केवटी एवं 87-जाले में तीसरे चरण में 07 नवम्बर 2020 को मतदान की तिथि निर्धारित किया गया हैं.
दरभंगा जिला मिथिला क्षेत्र का एक प्रमुख शहर है. जिसे कथित तौर पर लोग मिथिला की राजधानी कहते हैं. दरभंगा जिले में 10 विधानसभा सीट है. बागमती नदी दरभंगा के पश्चिमी भाग से लेकर पूर्वी भाग में बाढ़ पीड़ितों की समस्या हरेक साल बनी रहती है. इस समस्या के कारण लाखों लोग प्रत्येक साल बेघर होते हैं. दरभंगा लोकसभा सीट से वर्तमान में सांसद बीजेपी के नेता गोपाल जी ठाकुर हैं. चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी पार्टी के प्रचार और संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हैं. जाले विधानसभा क्षेत्र में भी चुनावी सुगबुगाहट शुरू होने लगी है. दरभंगा जिले के अंतर्गत आने वाली जाले सीट पर इस बार उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. जबकि बीजेपी के पास जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है.
जाले विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी थी. बीजेपी ने जिबेश कुमार को चुनावी मैदान में उतारा था, जिन्हें 62,059 वोट मिले थे. उन्होंने जनता दल युनाइटेड के ऋषि मिश्रा को हराया था. ऋषि मिश्रा को 57,439 वोट मिले थे. जबकि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मुजीब रहमान तीसरे स्थान पर रहे थे. 2015 के चुनाव में यहां कुल 13 उम्मीदवार मैदान में थे.
इससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जीत हासिल की. बीजेपी के उम्मीदवार विजय कुमार मिश्रा ने राजद के रामनिवास को मात दी थी. विजय कुमार मिश्रा को 42,590 वोट मिले थे, जबकि रामनिवास के पक्ष में 25,648 वोट आए थे. उस साल भी यहां कुल 13 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी. सीपीआई के अहमद अली तमन्ने तीसरे स्थान पर रहे थे.
2015 के विधानसभा चुनाव की सूची के अनुसार, जाले विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,85,757 वोटर्स हैं. जिनमें से 1,53,486 पुरुष और 1,53,486 महिलाएं शामिल हैं. पिछली बार इस सीट पर 5 नवंबर 2015 को वोटिंग हुई थी और कुल 52.1 फीसदी मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया था.
वर्ष 2010 और 2015 के चुनाव परिणाम पर नज़र डालें तो इतना तय है कि इस सीट पर बीजेपी के जिबेश कुमार सबसे मजबूत उम्मीदवार रहेंगे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है!
