बिहार में ‘का बा’ के जवाब में चंद्रमणि झा ने लिखा मैथिली भाषा में यह गीत – मिथिलामें की नइ छै?

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एक गाना बना, बंबई में का बा? इस गाने को पूर्वांचल (बलिया) के डॉ. सागर ने लिखा है और गाने पर अभिनय बिहार (बेतिया) के मनोज वाजपेयी ने किया है। यह गाना काफी हिट हो गया। फिर, इसकी पैरोडी बनी, ‘बिहार में का बा..’ जिसके जरिए एनडीए पर सवाल उठाया गया और पूछा गया कि आखिर बिहार में इतने वर्षों की जुगलबंदी का परिणाम क्या है?

NDA सरकार ने इसका डिजिटल जवाब मैथिली गीत संगीत से देने का मन बना लिया है। इस गाने को मैथिली के प्रख्यात साहित्यकार, गीतकार व गायक डॉ चंद्रमणि झा ने मैथिली भाषा में एक गीत लिखा है। हो सकता है कि यह गीत लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर की आवाज़ में रिलीज़ हो!

सूत्रों के मुताबिक मैथिली ठाकुर की सोशल साइट्स पर बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए जदयू नेता संजय झा ने उनसे बिहार में ‘का बा’ के जवाब में इस गीत के लिए सम्पर्क किया है। बता दें कि मैथिली ठाकुर के फ़ेसबुक पेज पर लगभग करोड़ो लोग फ़ॉलो करते हैं।

तो आइए जानते हैं वो कौन सा गीत है मैथिली भाषा मे –

बा-बा बा-बा रट्ट लगौने अल्लर बल्लर गाबै छेँ,
मिथिला संगहि बढ़ल बिहारहु तूँ ककरा भरमाबै छेँ?
आरो छै .. मिथिलामे की नइ छै?
जहियासँ सरकार नीतीशक चूमै जोश अकासके
दिन दूना आ राति चौगुना गंगा बहल विकासके
आरो छै.. मिथिलामे की नइ छै?
दरभंगामे एयरपोर्टक संग एम्स बनि रहलैये
दिल्ली बेंगलुरु आ मुंबइ दूर बहुत नहि रहलैये
आरो छै .. मिथिलामे की नइ छै?
झोपड़ीमे स्कूल छलै से पक्का बिल्डिंग बनलैये
गामे गामे सड़क बिजुरिया चौबीस घंटा भेलैये
आरो छै.. मिथिलामे की नइ छै?
कतेक योजना चलि रहलै बेटीकें आगू बढ़बा ले’
सरकारी प्रोत्साहन साइकिल भेटै खूबे पढ़बा ले’
आरो छै.. मिथिलामे की नइ छै?
माँछक फार्मिंग हेतु मदति मिथिला मखानके ग्रेडिंग छै
मिथिला हाटक रूपमे शिल्प कला सबके मार्केटिंग छै आरो छै.. मिथिलामे की नइ छै?
माय बहिनकेँ गैस भेटै छै धूआँसँ बचि रहलैये
सबहक घरमे शौचालय छै सबहक इज्जत बढलैये
आरो छै.. मिथिलामे की नइ छै?
चालू भेल बरौनीके करखाना खादहु बढलैये
खेत खेतमे पानि ‘चन्द्रमणि’ हरखित गिरहत भेलैये
आरो छै.. मिथिलामे की नइ छै?
आरो सुन.. मिथिलामे बड़ बड़ गुण.. आबिकय देखहीं तँ !

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