न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क. दरभंगा एयरपोर्ट ने पिछले 6 महीने में कोविड के बावजूद यात्रियों की संख्या में भुवनेश्वर और रायपुर जैसे राजधानियों को भी पीछे छोड़ दिया है। अब तक करीब सवा दो लाख लोग यात्रा कर चुके हैं। विमानन मंत्रालय का दिल बाग बाग है। क्षेत्र के विधायक, सांसद, मंत्री सब खुशी जाहिर कर रहे हैं।
लेकिन दरभंगा एयरपोर्ट अबतक सरकारी ध्यान में उपेक्षित है। चिलचिलती धूप के बीच जब लोगों को प्यास लगती है तो वे परेशान हो जाते हैं. वहां सुविधाओं का नितांत अभाव है। लोगों को बाहर धूप में खड़ा होना पड़ता है, पैदल चलकर लंबी दूरी तक चलना पड़ता है। सरकार और प्रशासन इसपर ध्यान नहीं दे रही है। मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) के फाउंडर मेम्बर सह पूर्व प्रेसिडेंट अनूप मैथिल ने कहा कि यदि सरकार परमिशन दे तो मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन की टीम लोगों के छांव के लिए गेट पर तिरपाल और पुआऊ लगाएगी। एयरपोर्ट वायुसेना के अंतर्गत होने की वजह से एक सेंसिटिव एरिया है, इसलिए हमें परमिशन की जरूरत है।
अनूप ने कहा कि जनता जानती है कि दरभंगा से हवाई सेवा कैसे हासिल हुआ है। किस तरह और क्या क्या करके हासिल हुआ है। दरभंगा एयरपोर्ट की सफलता पर खुशी जाहिर करने वाले इन नेताओं से पूछा जाए की जब दरभंगा एयरपोर्ट इतना सफल है तो उसके बावजूद इसके हिस्से का 31 एकड़ जमीन नीतीश कुमार ने क्यों अधिकगृहित करके नहीं दिया है ? अबतक एयरपोर्ट तो वायुसेना के कृपा से ही चल रहा है, दरभंगा एयरपोर्ट के लिए घोषित वो जमीन राज्य सरकार कब देगी ? एयरपोर्ट का विस्तार कब होगा ? यात्री सुविधाओं को कब बढ़ाया जाएगा ? ILS और DVOR कब लगेगा ? क्या उसके लिए भी युवा संगठित प्रयास करेंगे तभी कीजिएगा ?
दरभंगा एयरपोर्ट मे पोटेंशियल है राज्य के सबसे बड़े एयरपोर्ट बनने की। एक दिन पटना को भी पीछे छोड़ेगा। ध्यान दिया जाए, कार्गो सेवा बहाल हो, जमीन आवंटन हो, टर्मिनल बिल्डिंग बड़ा किया जाए, हैंगर बनाया जाए, यात्री सुविधाओं का विस्तार हो। दरभंगा एयरपोर्ट ना केवल शानदार इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा बल्कि साउथ ईस्ट एशिया जाने वाले तमाम इंटरनेशनल फ्लाइट्स का सबसे बड़ा स्टे प्वाइंट भी बनेगा। मिथिला के बदलाव का रास्ता इसी एयरपोर्ट से निकलेगा।
