दरभंगा शहर का विकास अगर कहीँ से हो रहा है तो किसी ग्रह और नक्षत्र की वजह से हो रहा बल्कि यहाँ के जनप्रतिनिधियों के उदासीनता की वजह से विकसित नही हो पाया। यहाँ के निर्वाचित विधायक यहाँ की जनता से मत मिलने के बावजूद जनता के प्रति उतरदायी नही नज़र आते।
हल्की सी बारिश में दरभंगा शहर तालाब में तब्दील हो जाती है। मैं ज्यादा पीछे नहीं जाते हुए आपको ये बता देना चाहता हूँ कि दरभंगा शहर पर तीन टर्म में 4 बार यानि कि तक़रीबन 15 साल से बीजेपी के नगर विधायक और 10 साल मेयर का अधिपत्य रहा हैं हालांकि इसबार बीजेपी को मेयर का सीट गवांनी पड़ी थी फिर भी पिछले 10 वर्षों को ही देखें तो किसी जनप्रतिनिधि के लिए एक शहर को सुन्दर आकार देने के लिए यह समय कम नही होता। लेकिन जिस प्रकार स्थानीय नगर विधायक, मेयर ने दरभंगा को गन्ने की रस के तरह चूसा हैं उसी का परिणाम है आज की ये हालात , इन्हीं लोगों के गलत कर्मों और पाप का फल आज भुगत रहे है यहाँ के लोग।
अब आप लोग ही बताईये जब पीसीसी सड़क का निर्माण का टेंडर पास हुआ उसी के साथ नाले का निर्माण का टेंडर क्यूँ नहीं पास हुआ बाद में क्यूँ ? ये सब सिर्फ और सिर्फ दरभंगा को लूटने की सोची समझी साजिश है और कुछ नहीं!
गरीबों के घर पर बुल्डोजर चलाकर अतिक्रमण मुक्त तो कर दिया जाता है पर बड़े व्यवसायियों , बड़े रेस्टोरेंट ,बड़े-बड़े बिल्डिंग व पैसेवालों के घर को कुछ नहीं होता!
सबसे ज्यादा ट्रैफ़िक दरभंगा टॉवर से राम चौक के बीच होती है पर क्या मजाल की कोई उस सड़क पर बुल्डोजर चला दे। ख़ैर जो भी हो मैं उतना अंदर तक अभी नहीं जाना चाहता पर जो गलती आपके रहते हुई है उसका माफ़ी जनता से मांगिए और समय रहते अपने कार्यशैली को सुधार कर लिजिए नहीं तो ये पब्लिक सब जानती है। इसलिए जनता के भावनाओं के साथ खेल खेलना बंद कीजिए और ठीक उसी तरह दरभंगा शहर के हित में काम निकालिये जिस तरह अपने व्यक्तिगत कामों के लिए सरकार से मिलकर काम निकाल लाते हैं।
