दरभंगा/न्यूज़ ऑफ मिथिला: दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने जीएम रोड हत्याकांड के जांच की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि जिस पुलिस प्रशासन पर खुद सवाल उठ रहे हैं, वह पुलिस खुद क्या जांच करेगी! साथ ही गठित एसआईटी को भी मजाक बताते हुए कहा कि जब बड़े स्तर पर मिलीभगत की बात सामने आ रही है और एसएसपी तक के संज्ञान में मामला था तो भला डीएसपी लेवल के अधिकारी क्या जांच करेंगे!
साथ ही ठीक घटना के समय ही दस मिनट के लिए बिजली कटने पर विभाग को जांच के दायरे में लाने की मांग उन्होंने की है।
पूर्व सांसद ने इस पूरे मामले में कुमार कपिलेश्वर सिंह को बड़ा दोषी माना है। उन्होंने कहा कि जीएम रोड का उक्त बंगला नम्बर 4 शुभेश्वर सिंह के नाम था। शुभेश्वर सिंह ने अपने साढू श्रीनाथ झा को उक्त मकान में बसाया था, जहां उनका परिवार चालीस वर्षो से रह रहा था। पर उस बंगले को बिना किसी नोटिस के कुमार कपिलेश्वर सिंह ने भूमाफियाओं के हाथों बेच दिया। अगर कपिलेश्वर के अधीन वह मकान कानूनी रूप से था तो उन्हें कानूनन हक हासिल करना चाहिए था। न कि भूमाफियाओं को बेचकर और इस तरह का कृत्य करवाकर।
श्री आजाद ने एक वर्ष पूर्व कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा ट्रस्ट की कमिटी भंग करने एवं कपिलेश्वर सिंह पर कोर्ट की अवमानना करने पर दस लाख का जुर्माना लगाए जाने की भी चर्चा करते हुए इस घटना को गहन साजिश करार दिया है।
इन तथ्यों को सामने रखते हुए श्री आजाद ने पूरे मामले की जांच टाइम बॉन्ड के साथ हाई कोर्ट के रिटायर जज स्तर अथवा कम से कम कमिश्नर एवं आईजी स्तर के अधिकारियों से करवाने की मांग पर जोर दिया है। साथ ही राज परिवार, बिजली विभाग एवं पुलिस प्रशासन की भूमिका को जांच के दायरे में लाने की मांग की है।
