डी.एम. ने किया जिला स्तरीय किसान मेला-सह-उद्यान प्रदर्शनी का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन
किसान मेला में लगे प्रदर्शनी का किया निरीक्षण
दरभंगा, 22 फरवरी 2022 :- संयुक्त कृषि भवन, बहादुरपुर के परिसर में आयोजित जिला स्तरीय किसान मेला-सह-उद्यान प्रदर्शन, 2022 का उद्घाटन जिलाधिकारी राजीव रौशन के कर-कमलों से फीता काटकर किया गया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया, संयुक्त कृषि निदेशक, उप निदेशक, जन सम्पर्क, जिला कृषि पदाधिकारी एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।
इसके उपरान्त सम्पूर्ण कार्यक्रम का जिलाधिकारी के कर-कमलों से द्वीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर उपरोक्त पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
इसके पूर्व जिलाधिकारी द्वारा संयुक्त कृषि भवन के मैदान में लगे विभिन्न कृषक उत्पादक समूह एवं जीविका के द्वारा लगाये गये स्टॉल का गहन निरीक्षण किया गया। जिनमें डायनामिक फ्रॉम हाउस द्वारा कड़कनाथ मुर्गे एवं अन्य उन्नत किस्म के मुर्गे को दिखलाया गया और बताया गया कि इसके मांस काफी पौष्टिक होता है और 700-1000 रूपये प्रतिकिलो बिकता है।
इसके बाद कोहिनुर इंडस्ट्रीज द्वारा टपकन सिंचाई मशीन दिखलाया गया। सत्यम्, शिवम् फ्रॉर्म प्रड्यूसर कम्पनी लिमिटेड द्वारा चना सत्तु, मखाना, आचार एवं ड्राई फुड उत्पाद दिखलाया गया, जुलाल इंटरप्राइजेज द्वारा नारियल के सभी प्रोडक्ट जैसे – सुगर, मिल्क पाउडर, नारियल पेय का प्रदर्शन किया गया, मिथिलाचंल एग्रो मिल्क एण्ड सीड्स प्रड्यूसर कम्पनी लिमिटेड द्वारा बताया गया कि वह किस तरह बीज उत्पादन कर रहा है एवं दुध का संग्रहण कर रहा है, जीविका के द्वारा नीरा का प्रदर्शन किया गया, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत शौचालय का फाइवर सीट् का प्रदर्शन किया गया, सृजन मिथिला के द्वारा मिथिला पेंटिग का प्रदर्शन किया गया।
इसके अतिरिक्त पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, कछुआ कृषक हित समूह, अपराजिता कृषक सेवा केन्द्र, दरभंगा के द्वारा स्टॉल लगाया गया था। जिलाधिकारी ने चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशाला में प्रवेश कर मिट्टी जाँच करने के विधि की जानकारी जी।
जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न किसानों द्वारा औषधिएँ पौधे, मसरूम की खेती, मखाना, चेरी इत्यादि के उत्पादन का भी अवलोकन किया गया। इनमें वनौषधि कृषक-सह-ग्रामीण वैध ललन नायक, इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम, जगदम्बा मसरूम फर्म, मखाना की खेती, मिथिला मखाना अधिकार फर्म, फार्मर्स प्रड्यूर कम्पनी द्वारा अपने-अपने उत्पाद दिखलाया गया।निरीक्षण के उपरान्त उन्होंने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में जो नवोन्मेषी प्रयोग हो रहे हैं, उसके बारे में किसानों को जानकारी प्राप्त हो। इस प्रकार कृषि को और फायदेमंद बनाया जा सकता है, इसकी जो इनुपट लागत है, उसे और भी कम किया जा सकता है, अच्छी उत्पादकता के लिए कितना उर्वरक पड़ना चाहिए, उसकी क्या निर्धारित मात्रा है, मिट्टी जाँच का क्या उपयोग है। इन सारी बिन्दुओं पर इस कृषि मेला में किसानों को जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अभी जो हमारा ऑर्गेनिक फार्मिंग है – परंपरागत कृषि, उसको अपनाकर भी हमलोग कृषि को और आगे ले जा सकते हैं और उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इस मेला के माध्यम से कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में किसानों को जानकारी मिलेगी, किसानों की समस्या के बारे में भी हमलोगों को जानने-समझने का मौका मिलेगा और नवोन्मेषी प्रयोग के बारे में किसानों को जानकारी देकर उनकी आर्थिक स्थिति को कृषि को लाभदायक बनाने में, जो सरकार का उद्देश्य है, उसे पुरा करने के लिए यह मेला कारगर सिद्ध होगा।
