न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क. मंगलवार को नई दिल्ली में दरभंगा सांसद डॉ गोपाल जी ठाकुर ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा यादव से मुलाकात कर दरभंगा में शिक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों एवं मागों से मंत्री को अवगत कराए। मुलाकात के पश्चात सांसद ने कहा कि दरभंगा में वर्षों से दोनो केंद्रीय विद्यालय 1 एवं 2 एक ही भवन में सुबह और संध्या शिफ्ट में संचालित हो रहा है, जिससे बच्चो को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। चूंकि इसमें दरभंगा के हरेक क्षेत्र से बच्चे पढ़ने जाते है ऐसे में संध्या शिफ्ट में पढ़ने वाले बच्चों को घर जाने में रात हो जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय-2 के निर्माण हेतु बिहार सरकार द्वारा आज तक भूमि उपलब्ध नहीं कराया गया, जिस कारण इसका निर्माण अधर में लटका हुआ है। बच्चों की परेशानी को देखते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री से बिहार सरकार से विद्यालय निर्माण हेतु भूमि लेते हुए जल्द विद्यालय निर्माण कार्य प्रारंभ करने एवं केंद्रीय विद्यालय -1 में छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नए भवन निर्माण करने का अनुरोध किए।
सांसद डॉ ठाकुर ने मंत्री जी से मिथिला ही नहीं अपितु संपूर्ण राष्ट्र का धरोहर मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान का अधिग्रहण कर उसका समुचित विकास करने का आग्रह किए, उन्होंने कहा कि इस संस्थान में हजारों प्राचीन दुर्लभ पांडुलिपियां मौजूद है, जो मिथिला एवं भारतीय संस्कृति का धरोहर है। सांसद ने कहा कि विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत के व्यापक प्रचार प्रसार, शोध, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु स्थापित इस संस्थान का आधारशिला वर्ष 1951 में स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद जी के द्वारा रखा गया था और शिलान्यास के पश्चात प्रशासनिक भवन में एक ईट तक नही जोड़ा जा सका। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की उदासीनता और मिथिला के प्रति सौतेला व्यवहार के कारण यह शोध संस्थान जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है।
वहीं भाजपा सांसद डॉ ठाकुर ने उत्तर बिहार का एकमात्र डॉ एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान का भी जीर्णोधार करने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किए, उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रौद्योगिकी शिक्षा में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ कलाम साहब के हाथों इस महिला प्रौद्योगिकी संस्थान का शुभारंभ किया गया था, परंतु राज्य सरकार के धुलमुल रवैया के कारण आज यह संस्थान बंद होने के कगार पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के शासनकाल में मिथिला में अवस्थित एकमात्र पूसा कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। वहीं केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया नई शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लाने का कार्य करेगा।
