दरभंगा : मंगलवार को मिथिला स्टूडेंट यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज की अध्यक्षता में वर्तमान लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जिले के लहेरियासराय धरनास्थल पर यूनियन के सदस्यों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया गया। धरना को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष श्री भारद्वाज ने कहा कि हम पिछले तीन महीनों से ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की वास्तविकता जानने हेतु ए.पी.एच.सी चलो अभियान चला रहे हैं।
इस क्रम में मिथिला क्षेत्र के सैकड़ों स्वाथ्य उपकेंद्र एवं अतिरिक्त प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र पर जाने का मौका मिला लेकिन वहाँ की स्थिती ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था के दयनीय-बदतर हालत को बयां करने के लिए काफी था। पुराने भवन को बिना मरम्मत किये पेंट कर दिया गया है।
श्री भारद्वाज ने कहा कि अधिकांश अस्पताल पर मूलभूत सुविधा पानी, मोटर और बिजली तक कि व्यवस्था नहीं है। डॉक्टर,दवाई,नर्स
एएनम तक की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है। अगर प्रतिनियुक्ति भी हुई है तो हाजिरी केवल कागज पर बन रही है। जबकि मूलभूत सुविधा बहाल होने का दंभ हमेशा से सरकार भरती रही है जो केवल कागज पर है।
ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की बद्तर का हालात का जीता जागता उदाहरण जिले के सैकड़ों पंचायत यथा रमौली, महिनाम, बिठौली,भच्चछि, कन्हाई, नेहरा समेत कई पंचायत का स्वास्थ्य उपकेंद्र है। गॉव में सरकारी स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलने के कारण लोग निजी नर्सिंग होम, प्राइवेट डॉक्टर के पास इलाज कराने को मजबूर है जहाँ निजी नर्सिंग होम और डॉक्टरों के द्वारा गरीब एवं आमलोगों का आर्थिक शोषण किया जाता है। आज भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के कमाई का 60% हिस्सा स्वास्थ्य संबंधी समस्या पर खर्च हो जाता है। सही मायने में यहाँ के राजनेता और प्रशासन चाहती ही नहीं है कि ग्रामीण स्तर पर स्वाथ्य सेवा बेहतर हो अगर बेहतर हो जाएगा तो लोग निजी अस्पतालों एवं डॉक्टरों के पास जाना बंद कर देंगे और नेता और पदाधिकारी को कमीशन नहीं मिलेगा। श्री भारद्वाज ने कहा कि यह बहुत बड़ी साजिश है जिसके चलते ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था का यह दयनीय हालात बनाकर रह गयी है। पीएम केयर फण्ड के नाम पर केवल घोटाला हो रहा है, कोरोना महामारी से भी सरकार सीखने को तैयार नहीं है। वर्तमान सरकार अगर स्वास्थ्य व्यवस्था प्रति अगर ऐसे ही गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाती है तो आये दिन हालात और बद से बद्तर हो जाएगा। हमारा संगठन इस अभियान को आये दिन और तेज करेगी और ग्रामीण स्वाथ्य व्यवस्था बेहतर हो इसके लिए संघर्ष तेज करेगी। यूनियन के सदस्यों की प्रतिनिधमंडल ने इस धरना के माध्यम से सिविल सर्जन दरभंगा को 10 सूत्रीय माँग पत्र सौंपा।
ये है मुख्य माँग :
1-APSC भवन का मरम्मत किये बिना रंग-रोगन कर दिया गया, अधिकांश जगह अंदर में पेंट नहीं हुआ है जिसके कारण भवन में दरार सी फटने लगी है इस पर संज्ञान लिया जाय
2- बहुत सारे APSC जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित हुआ वहाँ चापाकल, मोटर, पानी टंकी नही लगा है ।
3- APSC पर एक भी दवाई उपलब्ध नहीं है, दवा भंडार की व्यवस्था कहीं नहीं है।
4-APSC पर भवनों को अतिक्रमण मुक्त करवाया जाए, अधिकतर जगहों पर भवन में गाय-भैंस,भूसा और गंदगी देखने को मिला है।
5- बहुत सारे APSC पर बिजली बैरिंग नहीं हुई है।
6-स्वाथ्य विभाग से जुड़ी गतिविधियों का संचालन अस्पताल पर हो ना कि पंचायत भवन या किसी विद्यालय पर, कोरोना टीकाकरण ज्यादा से ज्यादा इन अस्पतालों पर नही हो रहा है ।
7- APSC पर एएनएम है पर समय नहीं देते हैं।
8-नर्स और डॉक्टर का एक रोस्टर बनाकर नियमित सेवा बहाल करवाया जाए
9-सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र औसतन बंद पड़े हैं जबकि भवन निर्माण पूरा हो चुका है उसे तत्काल चालू करवाने हेतु पहल किया जाय
10-रोगी कल्याण समिति को सक्रिय किया जाय एवं स्थानीय स्तर पर संवाद स्थापित करके अस्पताल के प्रति लोगों में उत्त्पन्न भ्रम की स्थिती को दूर किया जाय।
इस धरना में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव गोपाल चौधरी, बिहार प्रभारी शिवेंद्र वत्स, छात्र नेता सागर नवदिया, बेगूसराय प्रभारी संतोष सिंह, जिलाध्यक्ष अभिषेक झा,, राज पासवान ,अभिजीत कश्यप अनीश चौधरी ,नीरज चौधरी, विकाश पाठक ,नीरज झा ,अर्जुन कुमार , वेदांत वत्स ,दिवाकर मिश्रा ,अंकित सिंह ,भवेश कुमार ,भास्कर झा सहित दर्ज़नों पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
