दरभंगा से दिल्ली के राजघाट के लिए निकलेगी साईकिल रैली ..सांसद गोपाल जी ठाकुर 10 सितंबर को दिखायेगें हरी झंडी

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सशस्त्र सीमा बल, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत निकाली साइकिल रैली

02 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर 02 अक्टूबर को साईकिल रैली पहुंचेगी नई दिल्ली के राजघाट

सांसद गोपाल जी ठाकुर हरी झंडी दिखाकर करेंगे साईकिल रैली को मुजफ्फरपुर रवाना

साईकिल रैली का उद्देश्य है भारतीय नागरिकों में देश भक्ति और सुरक्षा की जज्बा उभारना

दरभंगा, 08 सितम्बर 2021 :-  आजादी के 75 वें वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सशस्त्र सीमा बल, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत तेजपुर से राजघाट,नई दिल्ली तक साईकिल रैली का आयोजन किया गया है। यह साईकिल रैली तेजपुर से चलकर, भारत के विभिन्न भागों से होते हुए वहाँ के नागरिकों में देशभक्ति की भावना को उभारते हुए गांधी जयंती (02 अक्तूबर 2021) के अवसर पर गांधी जी की समाधि स्थल राजघाट (दिल्ली) पहुंचेगी।

अपनी यात्रा के दौरान एस.एस.बी की साईकिल रैली 09 सितम्बर 2021 को सुपौल से चलकर 15:00 (03:00 बजे अपराह्न) बजे दरभंगा पहुंचेगी और 10 सितम्बर 2021 को 07: 30 बजे पूर्वाह्न दरभंगा से मुजफ्फरपुर के लिए रवाना होगी। 10 सितम्बर को 07:15 बजे पूर्वाह्न दरभंगा में इस साईकिल रैली को आयुक्त मनीष कुमार, पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ कुमार, जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम एवं वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम की उपस्थिति में दरभंगा के सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर hotel Garcia international से हरी झंडी दिखाकर मुजफ्फरपुर के लिए रवाना करेंगे।

गौरतलब है कि साईकिल रैली में शामिल कुल 90 प्रतिभागी विभिन्न राज्यों से होकर 36 दिनों में लगभग 02 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके 02 अक्टूबर 2021 को राजघाट, नई दिल्ली पहुंचेगी। साईकिल चालकों का यह दल बिहार के किशनगंज जिला से लेकर बगहा, पश्चिमी चंपारण होते हुये उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी।

यह बिहार के किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, वैशाली, पटना होकर गुज़रेगी।
साईकिल रैली आयोजन का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारतीय नागरिकों में देश भक्ति और सुरक्षा की भावना को जागृत करना है।

25 अगस्त 2021 से शुरू हुए “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के उत्सव के अन्तर्गत एस.एस.बी द्वारा 39 दिनों की यह साईकिल रैली अतीत से प्रेरणा लेने की प्रतिबद्धता और वर्तमान और उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए एक साथ काम करने की तथा एसएसबी के साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है। जैसा कि सर्वविदित है कि सशस्त्र सीमा बल की स्थापना 1962 में भारत-चीन युद्ध के पश्चात विशेष सेवा ब्यूरो के रूप मे मई 1963 में हुई थी।

वर्ष-2001 मे सीमा प्रहरी बल के रूप ज़िम्मेदारी दी गई तथा वर्ष 2004 में भारत-भूटान सीमा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी भी दी गई।
वर्तमान में सशत्र सीमा बल 1751 किलोमीटर भारत-नेपाल तथा 699 किलोमीटर भारत-भूटान सीमा की रक्षा कर रहा है। साथ ही जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़ व झारखंड में आतंकवाद व नक्सल विरोधी अभियान के अंतर्गत कार्य कर रहा हैं। इनके अतिरिक्त ANO ड्यूटी, IS Duty और चुनाव कार्यों जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में भी सशस्त्र सीमा बल की भूमिका अत्यत सराहनीय रही है।

सशस्त्र सीमा बल का मुख्य कार्य सीमावर्ती भारतीयों के बीच सुरक्षा की भावना उभारना है। सीमा पर होने वाले राष्ट्रविरोधी गतिविधियों, अवैध तस्करी/अपराध को रोकना तथा भारत सरकार द्वारा समय-समय पर दिये गये विभिन्न कर्तव्यों का निर्वहन करना हैं। इसके अलावा सशस्त्र सीमा बल द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में नि:शुल्क मानव व पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन, सीमावर्ती बेरोजगारों युवाओं एवं महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन, सीमावर्ती नागरिकों को जरूरी सामग्रियों का वितरण, बचाव व राहत दल द्वारा सीमावर्ती नागरिकों के लिए राहत व बचाव इत्यादि का कार्य किया जाता है।

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर साईकिल रैली के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से भारत की आजादी के 75वें वर्षगाँठ को पूरे देश में भव्य रूप में मनाकर देशवाशियों को भारत के गौरवशाली अतीत से रूबरू कराया जा रहा है।

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