दिल्ली ,न्यूज़ ऑफ मिथिला डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों बटवारे को लेकर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने लोकजनशक्ति पार्टी को विधानसभा की 27 और विधान परिषद की दो सीटों का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से राज्य सभा की भी एक सीट ऑफर की गई है। अब गेंद लोजपा के पाले में है और फैसला पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान को लेना है।
हालांकि ,बीजेपी ने लोजपा को इन 27 सीटों की पूरी लिस्ट भी सौंप दी है। सीटों की सूची में दरभंगा ज़िले की दो सीट यथावत : अलीनगर और केवटी है।
पार्टी सूत्रों की माने तो अलीनगर से लोजपा ने अपना प्रत्याशी ढूंढ लिया है। वहीँ केवटी सीट पर उम्मीदवार कौन होगा इसको लेकर विचार किया जा रहा है!
बता दें कि हाल ही में लोजपा के दामन थामने वाले युवा समाजसेवी ‘श्रवण कुमार चौधरी ने जिले के दो विधानसभा सीटों पर दावेदारी पेश की थी जिसमें अलीनगर प्रमुख रूप से है। पार्टी सूत्रों की माने तो श्रवण कुमार चौधरी पर पार्टी नेतृत्व ने भरोसा जताते हुए उन्हें अलीनगर से तैयारी के लिए संकेत दे दिया है। यूं कहें तो श्रवण कुमार चौधरी कई वर्षों से NDA के लिए काम कर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में श्री चौधरी NDA की चुनावी रैली और सभा में सक्रिय रूप से रहे हैं।
अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में श्रवण कुमार चौधरी के बराबर कद का कोई चेहरा नही है पार्टी के पास , तो ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि श्रवण कुमार चौधरी पर पार्टी दांव खेल जाए।
बता दें कि दरभंगा जिले के पोखराम गांव निवासी श्रवण कुमार चौधरी विगत 15 वर्षों से मिथिला के लोगों के लिए मसीहा बने हुए हैं। नाम के अनुरूप ‘श्रवण कुमार’ की तरह लोगों की सेवा करते रहे हैं, जिसके कारण यहाँ के लोगों ने उन्हें विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने की मांग तेज कर दी है,हालांकि श्रवण कुमार चौधरी का कहना है कि मानवता ही सबसे बड़ी सेवा है और गरीबों की सेवा करने के लिए नेता बनना ही जरूरी नहीं है बस सेवा का भाव होना चाहिए। श्री चौधरी ने बताया कि समाज के गरीब लोगों की मदद करने में जो खुशी मिलती है वह किसी और श्रोत से नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि किसी काम को करने के दो पहलू होते हैं। पहले आप ईमानदारी से खुद अच्छा बने, खूब पैसा कमाएं और दूसरा पहलू है कि आप खुद अच्छा बनने के बाद अपने समाज एवं क्षेत्र के लोगों की समस्या को दूर करें।
स्थानीय लोगों के अनुसार श्रवण कुमार चौधरी ने वर्ष 2004 में पोखराम गांव में बाढ़ से सड़क टूट जाने के बाद अपने निजी संपति से चचरी पुल का निर्माण और सड़क की मरम्मत करायी थी। वर्ष 2007 में गांव के प्लस टू कमला उच्च विद्यालय और मध्य विद्यालय पोखराम के छात्राओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं थी तब आर्थिक रूप से मजबूत श्री चौधरी ने आगे आकर अपने निजी संपत्ति से एक लाख बत्तीस हजार की लागत से शौचालय का निर्माण कराया ताकि गांव के छात्राओं को शौचालय के लिए बाहर ना जाना पड़े।
श्रवण कुमार चौधरी ने मिथिला के हजारों युवाओं को अपने संस्था ट्रैक ओन कोरियर में आत्मनिर्भर बना कर रोजगार देने का काम किया है।
